वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर ये तोशखाना मामला है क्या, जिसमें इमरान पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है? अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ? इमरान आगे क्या करेंगे? आइए जानते हैं...
पाकिस्तान से बड़ी खबर आ रही है। यहां पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। इमरान को तोशखाने मामले में गिरफ्तार करने के लिए पुलिस इस्लामाबाद स्थित उनके निवास पर पहुंची है। बताया जा रहा है कि पुलिस के पास इमरान की गिरफ्तारी का वारंट है। इमरान के घर के बाहर उनके समर्थकों का जमावड़ा है। पुलिस से उनकी झड़प की खबरें भी सामने आ रही हैं।
पहले जानिए क्या है तोशाखाना मामला?
दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।
कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।
कैसे खुली पोल?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त में इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने सामने एक आरोप पत्र दायर किया था। इमरान खान पर आरोप लगाए गए थे कि जो गिफ्ट उन्हें मिले, उसका विवरण तोशाखाना को नहीं सौंपा गया था। उन्हें बेचकर पैसे कमाए गए हैं। पाकिस्तान के स्पीकर ने इस मामले में जांच करवाई। आठ सितंबर को इमरान खान को नोटिस मिला था। उन्होंने इस नोटिस का जवाब दिया था और कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए मिले चार उपहारों को उन्होंने बेच दिया था। इन उपहारों में ग्रेफ, रोलेक्स घड़ी, कफ़लिंक की एक जोड़ी, एक महंगी कलम, कई धातुओं की चीजें और एक अंगूठी शामिल थी।
फिर सदस्यता भी चली गई
आरोप साबित होने पर पिछले साल इमरान खान की संसद सदस्यता भी चली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान खान ने जानबूझकर चुनाव अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था और गलत बयान दिया था। साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी दी थी।
इमरान खान को चुनाव अधिनियम की धाराओं के साथ, संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) में कहा गया है कि एक व्यक्ति कुछ समय के लिए, किसी भी कानून के तहत मजलिस-ए-शूरा या प्रांतीय विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने या चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।
इमरान ने कहा था, मेरा गिफ्ट है, मैं कुछ भी करूं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तोशखाना मामला सामने आने के बाद इमरान खान ने इसपर बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था कि ये गिफ्ट्स उन्हें निजी तौर पर मिले हैं। इसलिए उन्हें इसे अपने पास रखने का अधिकार है। हालांकि, बाद में उन्होंने तोशखाने मामले के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था।