वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-अधिकारियों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति के रूप में मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का चुनाव अब केवल औपचारिकता का विषय रह गया है। इसका कारण यह है कि संसद में आधिकारिक विपक्षी पार्टियों ने देश के सर्वोच्च पद के लिए किसी को नाम आगे नहीं बढ़ाया है।
पूर्व न्यायाधीश मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का बांग्लादेश का अगला राष्ट्रपति बनना लगभग तय हो गया है। संसद में पूर्ण बहुमत रखने वाली अवामी लीग पार्टी ने उन्हें शीर्ष पद के लिए नामित किया है। दरअसल, संसद में विपक्षी पार्टी ने किसी को देश के सर्वोच्च पद के लिए नामित नहीं किया है, ऐसे में चुप्पू का रास्ता साफ हो गया है। गौरतलब है कि वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद का कार्यकाल इस साल 24 अप्रैल को समाप्त हो रहा है, ऐसे में बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने पहले ही नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए तारीखों का एलान कर दिया था।
चुनाव आयोग ने दी जानकारी
बांग्लादेश के चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि निर्वाचन आयोग (ईसी) को बांग्लादेश अवामी लीग द्वारा पेश किया गया चुप्पू का नामांकन पत्र प्राप्त हो गया है। चुनाव आयोग अब संसद सदस्यों द्वारा उनके चुनाव के लिए प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं को पूरा करेगा। बता दें कि अवामी लीग ने मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का नाम राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया है। वर्तमान में अवामी लीग के पास 350 सदस्यीय सदन में 305 सीटें हैं। इस बहुमत को देखते हुए मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय हो गया है।
अधिकारियों और राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति के रूप में मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का चुनाव अब केवल औपचारिकता का विषय रह गया है। इसका कारण यह है कि संसद में आधिकारिक विपक्षी पार्टियों ने देश के सर्वोच्च पद के लिए किसी को नाम आगे नहीं बढ़ाया है।
संसद के बाहर विपक्षी पार्टी बीएनपी के पास नहीं है पर्याप्त संख्याबल
दरअसल, संसद के बाहर अवामी लीग की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) भी किसी को राष्ट्रपति पद के लिए नामित नहीं कर सकती है, क्योंकि पार्टी के सभी सात सांसदों ने सरकार विरोधी अभियान के तहत दिसंबर 2022 में इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि देश में आम चुनाव इस साल दिसंबर में होने हैं।
प्रधानमंत्री शेख हसीना को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार करना था नामित
वहीं, अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने जानकारी दी है कि अवामी लीग संसदीय दल (एएलपीपी) ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार नामित करने का काम सौंपा था। उन्होंने काफी मंथन के बाद पूर्व न्यायाधीश मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का नाम आगे किया।
कौन हैं मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू
मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू का जन्म पश्चिमोत्तर पबना जिले में हुआ था। वे 1960 के दशक के अंत और 1970 के दशक की शुरुआत में अवामी लीग के छात्र और युवा विंग के नेता थे। इतना ही नहीं, चप्पू ने 1971 के मुक्ति संग्राम में भी भाग लिया था और 15 अगस्त, 1975 को बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की उनके परिवार के सदस्यों के साथ एक सैन्य तख्तापलट में हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन करने के लिए उन्हें कैद भी किया गया था। उस तख्तापलट के कारण अवामी लीग सरकार भी गिर गई थी। बाद में 1982 में वे देश की न्यायिक सेवा से जुड़े। बाद में जब साल 1996 के चुनावों में अवामी लीग वापस सत्ता में लौटी तो चुप्पू ने बंगबंधु हत्याकांड की जांच दल के समन्वयक के रूप में कार्य किया। बाद में उन्होंने राजनीति में पदार्पण किया। राजनीति में आने के बाद वे अवामी लीग सलाहकार परिषद के सदस्य बने। अब देश के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें पार्टी में अपनी जिम्मेदारियों को त्यागना पड़ेगा।
कौन है परिवार में
पूर्व न्यायाधीश मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू के परिवार में पत्नी रेबेका और एक बेटा है। पत्नी रेबेका सुल्ताना सरकार की पूर्व संयुक्त सचिव हैं।