वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-शरीफ सरकार में मंत्री अयाज सादिक को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से संपर्क करने की जिम्मेदारी दी गई है। पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे एक बड़ी घटना माना है...
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से तगड़ा झटका लगने के बाद अब पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने देश में सियासी मेलमिलाप की पहल की है। यहां तक कि प्रधानमंत्री शरीफ ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भी आमंत्रित करने का फैसला किया है। शरीफ सरकार ने देश में गहराते जा रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट का रास्ता तलाशने के मकसद से अगले सात फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है।
इसके पहले यहां आई आईएमएफ की टीम ने यह साफ संकेत दिया कि उसे सर्कुलर ऋण प्रबंधन की पाकिस्तान सरकार की योजना मंजूर नहीं है। इससे आईएमएफ से तुरंत कर्ज की किस्त मिलने की पाकिस्तान की उम्मीद कमजोर हो गई है। जबकि देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से गिरता जा रहा है। गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब पाकिस्तान के पास सिर्फ 3.1 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा बची है। आईएमएफ ने देश में बिजली शुल्क में भारी वृद्धि की मांग भी की है।
आईएमएफ से निराशा हाथ लगने के बाद शहबाज शरीफ सरकार ने राजनीतिक आम सहमति तैयार करने की पहल की है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने इसका एलान करते हुए कहा कि इस मौके पर सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को एक मेज पर लाने की कोशिश की जा रही है, ताकि देश एकजुट होकर ‘महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय चुनौतियों’ का सामना कर सके।
बताया जाता है कि शरीफ सरकार में मंत्री अयाज सादिक को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से संपर्क करने की जिम्मेदारी दी गई है। पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे एक बड़ी घटना माना है। उन्होंने ध्यान दिलाया है कि मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन- पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के हमेशा ही पीटीआई के साथ दुश्मन जैसे संबंध रहे हैं। खास कर पिछले अप्रैल में इमरान खान की सरकार गिराए जाने के बाद से दोनों पक्षों में कड़वाहट आसमान पर रही है।
समझा जाता है कि सर्वदलीय बैठक में गहराते आर्थिक संकट के अलावा देश पर लगातार घना हो रहे आतंकवाद के साये की समस्या पर भी चर्चा की जाएगी। बीते सोमवार को पेशावर की एक मस्जित में हुए बम विस्फोट के बाद से देश में दहशत का माहौल है। इस हमले में लगभग 90 लोग मारे गए। हाल के महीनों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों की संख्या लगातार बढ़ी है। बीते नवंबर में आतंकवादी गुट तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने सरकार से अपनी वार्ता तोड़ दी थी। तब से हमलों में काफी इजाफा हुआ है।
पर्यवेक्षकों के मुताबिक इस समय देश में राजनीतिक स्थिरता की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। इसलिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की पहल को शहबाज शरीफ सरकार का एक महत्त्वपूर्ण कदम समझा गया है। इसके अलावा इस ओर भी ध्यान दिलाया गया है कि आतंकवाद की समस्या पर विचार विमर्श के लिए आयोजित एक बैठक में भाग लेने के लिए भी सरकार ने पीटीआई के दो प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया।
पीटीआई के एक पूर्व सांसद ने जियो टीवी को बताया कि पार्टी नेतृत्व सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के सवाल पर विचार कर रहा है। इस बारे में कोई निर्णय होते ही उसकी सूचना सरकार को दे दी जाएगी। पूर्व सांसद ने कहा कि इस बारे में आखिरी फैसला इमरान खान लेंगे।