वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-पाकिस्तान में सियासी घमासान के बीच अविश्वास प्रस्ताव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।
पाकिस्तान में सियासी घमासान के बीच वहां के सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के मामले में सख्त टिप्पणी की है।
जज ने कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग न कराना असंवैधानिक है। बता दें कि पाकिस्तानी संसद में डिप्टी स्पीकर ने आर्टिकल 5 का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की अनुमति नहीं दी थी।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया।
कल कोर्ट की तरफ से कहा गया था कि डिप्टी स्पीकर के पास प्रस्ताव को खारिज करने का अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुवाई हो रही थी और विपक्ष के नेताओं की दलीलें सुनी जा रही थीं।
बता दें कि इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद ही संसद भंग करने की मांग की और राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी।
इसके बाद विपक्ष के दांव फेल हो गए। विपक्ष भी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सोमवार को भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी।
वहीं इमरान खान ने विपक्ष के खिलाफ बड़ी गोलबंदी शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बीच ही वे अपने विरोधियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
पाकिस्तान में अब तीन महीने के अंदर चुनाव कराए जाने हैं। इस बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री के चयन तक इमरान खान ही सत्ता संभाल रहे हैं।
वहीं इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है।
पाकिस्तान का इतिहास देखें तो यहां कोई भी प्रधानमंत्री दोबारा जीतकर नहीं आया है। हालांकि कई प्रधानमंत्री इस तरह से संसद भंग करने की कामयाब सिफारिश कर चुके हैं।
1988 में मार्शल लॉ खत्म होने के बाद बेनजीर भुट्टो प्रधानमंत्री बनी थीं लेकिन दो साल बाद वह चुनाव हार गईं।
वहीं 1993 में नवाज शरीफ ने असेंबली भंग करवाई थी जिसके बाद हुए आम चुनाव में उनकी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।