वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि हमारे पास 8000 से 9000 क्यूसेक पानी है, लेकिन फिर भी हम अपने किसानों के हितों की रक्षा करेंगे। हम सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश के खिलाफ अपील करेंगे।
कर्नाटक के डिप्टी मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कावेरी जल बंटवारा विवाद पर कर्नाटक कावेरी जल विनिमय समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के निर्देश पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सीडब्ल्यूआरसी के उस निर्देश के खिलाफ अपील की है, जिसमें एक बार फिर राज्य को तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़ने की सिफारिश की गई है।
गौरतलब है कि कावेरी जल विनियमन समिति ने कर्नाटक से 31 अक्टूबर तक तमिलनाडु को 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा है। यह आदेश 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहना था। दूसरी तरफ तमिलनाडु ने 16,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का अनुरोध किया था।
इससे पहले सीडब्ल्यूआरसी ने सितंबर में कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर तक कावेरी से 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था। कर्नाटक ने इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय और कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण में समीक्षा याचिकाएं दायर की हैं। कावेरी जल बांटवारा मामला अब जल्द ही कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के समक्ष आने की उम्मीद है। यह अपनी सहायक संस्था सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश के आधार पर एक आदेश जारी करेगा।
राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, 'हमारे पास 8000 से 9000 क्यूसेक पानी है, लेकिन फिर भी हम अपने किसानों के हितों की रक्षा करेंगे। हम सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिश के खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बारिश नहीं हुई है।'
राज्य में लोड शेडिंग के कारण विभिन्न इलाकों में बिजली कटौती पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, 'राज्य के कई हिस्सों में सूखे की स्थिति है। बिजली की कमी के कारण, ऊर्जा मंत्री के जे जॉर्ज ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री (आर के सिंह) से मुलाकात की है और केंद्रीय ग्रिड से बिजली की आपूर्ति की मांग की है।'
शिवकुमार ने कहा, 'जब मैं ऊर्जा मंत्री था, तब मैंने 12,000 मेगावाट से अधिक बिजली जोड़ी थी। लेकिन राज्य में भाजपा सरकार के आने के बाद उन्होंने बिजली में कोई जोड़ नहीं किया। हर साल 10 से 15 फीसदी बिजली की बढ़ोतरी होती है। उन्होंने केवल बिजली की बिक्री की है। अब राज्य में सूखा है और लगभग 200 ताल्लुका सूखे से जूझ रहे हैं।'