वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-एनएचआरसी की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, आयोग ने पाया कि अगर मीडिया रिपोर्ट सही हैं, तो यह पीड़िता के मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मसला है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने प्रतापगढ़ कांड को लेकर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। एनएचआरसी ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। आरोप है कि 31 अगस्त को राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक गर्भवती महिला को उसके पति व परिजनों ने निर्वस्त्र कर पिटाई की थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
एनएचआरसी की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, आयोग ने पाया कि अगर मीडिया रिपोर्ट सही हैं, तो यह पीड़िता के मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मसला है। एनएचआरसी ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर वारदात का विस्तृत ब्योरा मांगा है। इसके साथ सरकार से आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी गई है।
बीते दिनों प्रतापगढ़ जिले के धरियावद थाना क्षेत्र के एक गांव में महिला को उसके पति और ससुराल वालों द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाने का एक वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया और 30 टीमें गठित कर मात्र 12 घंटे में मुख्य आरोपी सहित 11 आरोपियों को पकड़ लिया गया। एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने सोमवार को धरियावद थाने में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को मामले की जांच के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
पांच सदस्यीय एसआईटी कर रही है मामले की जांच
राज्य सरकार ने महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी गठित की है। डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि आईजी बांसवाड़ा रेंज और एसपी प्रतापगढ़ के सुपरविजन में गठित एसआईटी घटना की समस्त पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय को सौंपेगी तथा तकनीकी व वैज्ञानिक रूप से साक्ष्य संकलन कर प्रकरण का समयबद्ध निस्तारण करेगी।