वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अधिसूचना का विरोध किया गया था। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस पर विचार किया जाएगा।
डॉक्टरों के लिए हाल ही में जारी मरीजों को सिर्फ जेनेरिक दवा लिखने, कॉन्फ्रेंस में न जाने जैसी पाबंदियों से भरी आचार संहिता पर रोक लगा दी गई है। जल्द ही नए नियमों के साथ राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की ओर से यह दोबारा जारी होगी। एनएमसी ने एक अधिसूचना जारी कर बताया कि पंजीकृत चिकित्सकों को लेकर हाल ही में जो नियम जारी किए गए, उन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। जल्द ही संशोधित नियमों की आचार संहिता को जारी किया जाएगा।
जानकारी मिली है कि दो दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अधिसूचना का विरोध किया गया था। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस पर विचार किया जाएगा। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा कि एनएमसी की आचार संहिता को लेकर हमारा पक्ष एकदम स्पष्ट है। यह सही हुआ कि आयोग ने अपने नियमों को वापस ले लिया अन्यथा इसे किसी भी स्थिति में चिकित्सा पेशा स्वीकार नहीं करता।
अध्ययन के लिए भारत आने वाले विदेशी डॉक्टरों को लेनी होगी अनुमति
फेलोशिप या अध्ययन के लिए भारत आने वाले विदेशी डॉक्टरों को अनुमति लेना अनिवार्य है। देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश जारी करते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि जिस भी कॉलेज में फेलोशिप, अध्ययन या फिर प्रशिक्षण के लिए कोई विदेशी पंजीकृत डॉक्टर भारत आता है तो पहले इसकी अनुमति लेनी होगी। इसके लिए आयोग ने एक ऑनलाइन वेबसाइट भी बनाई है।