वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-इस प्रक्रिया के तहत लैंडर विक्रम की गति को धीमा करके उसे चांद की कक्षा में नीचे की तरफ उतारा जाएगा। ये प्रक्रिया 20 अगस्त को भी होगी, जिसके बाद विक्रम लैंडर की चांद की सतह से दूरी महज 30 किलोमीटर रह जाएगी।
भारत का चंद्रयान मिशन अभी तक तय प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ रहा है। गुरुवार को चंद्रयान-3 मिशन से प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग हुआ था। अब प्रोपल्शन मॉड्यूल के अलग होने के बाद आज चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर चांद की निचली कक्षा में प्रवेश करेगा, जहां से चांद की सतह की दूरी कुछ ही किलोमीटर दूर रह जाएगी। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए आज की प्रक्रिया बेहद अहम है और एक तरह से सफल लैंडिंग की प्रक्रिया आज से शुरू हो जाएगी।
डिबूस्टिंग की प्रक्रिया होगी शुरू
इसरो ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बताया कि लैंडर मॉड्यूल मनूवर आज शाम करीब चार बजे किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत लैंडर विक्रम की गति को धीमा करके उसे चांद की कक्षा में नीचे की तरफ उतारा जाएगा। ये प्रक्रिया 20 अगस्त को भी होगी, जिसके बाद विक्रम लैंडर की चांद की सतह से दूरी महज 30 किलोमीटर रह जाएगी। इसके बाद 23 अगस्त को शाम करीब 5.47 बजे विक्रम लैंडर की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। विक्रम लैंडर की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराते ही इसरो इतिहास रच देगा और चांद की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाले चुनिंदा देशों में भारत भी शामिल हो जाएगा।
23 अगस्त को ही क्यों होगी लैंडिंग
बता दें कि लैंडर और रोवर दोनों ही लैंडिंग के लिए जरूरी ऊर्जा, सौर ऊर्जा से हासिल करेंगे। चूंकि अभी चांद पर रात है और 23 तारीख को सूर्योदय होगा। यही वजह है कि चांद की सतह पर लैंडिंग की तारीख 23 अगस्त रखी गई है। चंद्रयान-3 मिशन के तहत इसका प्रोपल्शन महीनों तक चांद की कक्षा में रहकर चांद के रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। वहीं लैंडर और रोवर चांद की सतह पर उतरकर 14 दिनों तक पानी की खोज सहित अन्य प्रयोग करेंगे। 14 जुलाई 2023 को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च किया गया था।