वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पवन दुग्गल कहते हैं कि इतना जरूर है कि सुप्रीम कोर्ट में जब यह केस जाएगा और इसकी सुनवाई होगी, उसके बाद जो भी फैसला आएगा, वह मानहानि के मामलों में और खासतौर पर राजनीतिक दलों के लिए एक मिसाल बन जाएगा...
गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम केस में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दो साल की सजा बरकरार रखी है। जस्टिस हेमन्त प्रच्छक ने कहा, 'राहुल के खिलाफ कम से कम दस क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। उनके खिलाफ कई अन्य केस भी फाइल हो चुके हैं। इस स्थिति में राहुल गांधी को लेकर सूरत कोर्ट के फैसले में दखल की आवश्यकता नहीं है। हाई कोर्ट ने इन बातों के साथ ही राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी। दूसरी ओर, राहुल गांधी के पास अब सुप्रीम कोर्ट में जाने का ही विकल्प बचा है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पवन दुग्गल कहते हैं, देखिये ये बहुत अहम मुद्दा है। सर्वोच्च अदालत इस मामले पर संपूर्ण दृष्टि से विचार करने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी। इतना जरूर है कि सुप्रीम कोर्ट में जब यह केस जाएगा और इसकी सुनवाई होगी, उसके बाद जो भी फैसला आएगा, वह मानहानि के मामलों में और खासतौर पर राजनीतिक दलों के लिए एक मिसाल बन जाएगा।
राजनीतिक एंगल तो नहीं है
पवन दुग्गल ने बताया, अब राहुल गांधी के पास केवल सर्वोच्च अदालत का रुख करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है। अमूमन सभी केसों में सुप्रीम कोर्ट, कानून के सिद्धांत के मुताबिक ही अपना फैसला देती है। यह बहुत अहम बात है कि दोनों पक्षों द्वारा इस केस में किस तरह की दलीलें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश की जाती हैं। क्या इस केस में वाकई कोई उल्लंघन हुआ है। अगर हुआ है, तो कितनी सजा दी जानी चाहिए। क्या ऐसे मामले में कोई राजनीतिक एंगल तो नहीं है। सर्वोच्च अदालत इस प्वाइंट को भी देखती है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद समग्र दृष्टिकोण से विचार कर फैसला होगा। संभव है कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा फैसला आए कि उसके बाद मानहानि के केसों को लेकर लोगों की मानसिकता ही बदल जाए।
आरएसएस पर टिप्पणी के चलते राहुल पर केस
23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। थोड़ी ही देर में राहुल को जमानत दे दी गई। हालांकि सेशन कोर्ट के फैसले के अगले ही दिन यानी 24 मार्च को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई। राहुल गांधी के खिलाफ ये मानहानि का पहला केस नहीं है, बल्कि इससे पहले भी उन पर कई मामले दर्ज हैं। साल 2014 में राहुल ने आरएसएस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। उसके बाद राहुल के खिलाफ महाराष्ट्र के भिवंडी में आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज हुआ था। वह केस अभी चल रहा है।
20 करोड़ रुपये का मानहानि का केस भी दर्ज
2016 के दौरान भी गुवाहाटी में राहुल पर मानहानि का केस दर्ज किया गया था। उस वक्त भी राहुल ने संघ पर टिप्पणी कर दी थी। 2018 में रांची में राहुल के खिलाफ जो केस दर्ज किया गया, उसमें उन्होंने 'मोदी चोर है' कहा था। इस मामले में राहुल पर 20 करोड़ रुपये मानहानि का केस दर्ज हुआ था। एक अन्य केस में भी राहुल का नाम आया। 2017 में दक्षिणपंथियों की आलोचक रही गौरी लंकेश को बेंगलुरु में गोली मारी गई थी। उनकी हत्या के बाद राहुल ने इस मामले को भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से जोड़ा था। इसके बाद 2018 में ही राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र में आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। उक्त सभी मामले अभी अदालतों में लंबित हैं।