वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-याचिकाकर्ता ने याचिका के साथ एम्स अस्पताल द्वारा जारी सर्टिफिकेट भी पेश किया, जिसमें उसकी बीमारी और लिख ना पाने की समस्या की पुष्टि की गई थी। मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा वाली पीठ ने उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के एक फैसले की जमकर तारीफ की। दरअसल एक व्यक्ति को बीमारी की वजह से लिखने में तकलीफ थी, इस पर युवक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उत्तराखंड प्रशासनिक सेवा की परीक्षा के लिए एक लेखक ले जाने की इजाजत देने की अपील की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया, उसे लेकर केंद्रीय कानून मंत्री ने मुख्य न्यायाधीश की तारीफ की।
क्या बोले केंद्रीय कानून मंत्री
किरेन रिजिजू ने एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि 'यह माननीय जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल को छू लेने वाली कार्रवाई की है। उत्तराखंड के न्यायिक सेवा की परीक्षा में एक दिव्यांग उम्मीदवार को लेखक की सुविधा देकर उसे बड़ी राहत दी है। एम्स ने उसके दिव्यांगता के सर्टिफिकेट दिया था जिस पर जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर न्याय मिलना बेहद संतोषजनक है।'
क्या है मामला
बता दें कि उत्तराखंड के उम्मीदवार धनंजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा के लिए लेखक ले जाने की इजाजत देने की मांग की थी। याचिका में बताया गया कि उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन ने उसकी मांग को खारिज कर दिया है। जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिकाकर्ता ने याचिका के साथ एम्स अस्पताल द्वारा जारी सर्टिफिकेट भी पेश किया, जिसमें उसकी बीमारी और लिख ना पाने की समस्या की पुष्टि की गई थी। मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा वाली पीठ ने उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और साथ ही याचिकाकर्ता को परीक्षा में लेखक ले जाने की अनुमति दे दी है।
याचिकाकर्ता के वकील ने भी की जमकर तारीफ
याचिकाकर्ता के वकील ने फैसले की तारीफ करते हुए ट्वीट किया कि 'हमने शाम में साढ़े ग्यारह बजे रिट पिटीशन दायर की थी। जिसका डायरी नंबर सुबह सवा दस बजे मिला। सुबह साढ़े दस बजे उसे मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश किया गया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले पर सुनवाई की और उसी दिन अंतरिम आदेश पारित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश के इस कदम से जनता का न्यायपालिका में विश्वास कायम रहेगा।' इसी ट्वीट पर केंद्रीय कानून मंत्री ने रिप्लाई किया।
कानून मंत्री की मुख्य न्यायाधीश को लेकर यह तारीफ ऐसे समय सामने आई है, जब सरकार और न्यायपालिका में कॉलेजियम सिस्टम को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ चुके हैं।