वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-जिनपिंग ने कार्यक्रम में मौजूद राजदूतों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी राजदूत चीन को गहराई से समझेंगे और आपसी सहयोग और दोस्ती के पुल के रूप में काम करेंगे।'
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को 70 देशों के राजदूतों से उनके क्रेडेंशियल लिए, जिन देशों के राजदूतों से क्रेडेंशियल लिए गए, उनमें भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और अमेरिका के राजदूत रॉबर्ट निकोलस बर्न्स भी शामिल थे। बता दें कि चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बाद ही रावत की चीन में बतौर भारतीय राजदूत नियुक्ति की गई थी।
क्या बोले शी जिनपिंग
राजदूतों से मुलाकात कार्यक्रम में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कहा कि 'चीन दुनिया के देशों के साथ अपने संबंध मजबूत करने के लिए तैयार है और यह संबंध समानता और आपसी फायदे पर आधारित होंगे। जिनपिंग ने कार्यक्रम में मौजूद राजदूतों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी राजदूत चीन को गहराई से समझेंगे और आपसी सहयोग और दोस्ती के पुल के रूप में काम करेंगे।'
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार सभी राजदूतों को उनकी जिम्मेदारी निभाने में मदद करेगी। बीते तीन सालों में चीन ने कोरोना के खिलाफ लडाई में लंबी दूरी तय की है और इस प्रक्रिया में चीन को कई देशों से मदद भी मिली। उन्होंने कहा कि चीन एक आधुनिक समाजवादी देश के निर्माण की राह पर है और आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय कायाकल्प को बढ़ावा दे रहा है।
कौन हैं प्रदीप रावत
प्रदीप रावत 1990 बैच के विदेश सेवा के अधिकारी हैं। रावत से पहले, विक्रम मिसरी चीन में भारत के राजदूत थे। रावत इससे पहले नीदरलैंड्स में भारत के राजदूत का पद संभाल रहे थे लेकिन मार्च 2022 में उन्हें चीन का राजदूत बनाया गया। रावत धारा प्रवाह मंदारिन भाषा बोल सकते हैं और इससे पहले भी चीन और हॉग-कॉन्ग में बतौर भारतीय राजदूत अपनी सेवाएं दे चुके हैं।