वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-वैज्ञानिकों के अनुसार, जीनोमिक निगरानी की वजह से वायरस के म्यूटेशन पता चल रहे हैं। अभी तक 28 मरीजों में इसकी पहचान हुई है जिनमें 14 मरीज महाराष्ट्र से हैं। इनके अलावा दिल्ली और गुजरात में भी ये म्यूटेशन मरीजों में मिले हैं। जन स्वास्थ्य पर इन दोनों म्यूटेशन का असर क्या है? इसके बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है।
कोरोना का वायरस अपने स्पाइक प्रोटीन में फिर बदलाव करने लगा है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में दो नए म्यूटेशन का पता लगाया है जो 28 कोरोना संक्रमित मरीजों में मिले हैं। इन दोनों म्यूटेशन का नाम एफयू.1 और एफयू.2 रखा है। यह दोनों म्यूटेशन एक्सबीबी.1.16.1 वेरिएंट में हुए हैं। बीते मार्च माह में एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट में म्यूटेशन के बाद एक्सबीबी.1.16.1 वेरिएंट आया था। अब इसके अंदर भी बदलाव होने से दो नए म्यूटेशन सामने आए हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार, जीनोमिक निगरानी की वजह से वायरस के म्यूटेशन पता चल रहे हैं। अभी तक 28 मरीजों में इसकी पहचान हुई है जिनमें 14 मरीज महाराष्ट्र से हैं। इनके अलावा दिल्ली और गुजरात में भी ये म्यूटेशन मरीजों में मिले हैं। जन स्वास्थ्य पर इन दोनों म्यूटेशन का असर क्या है? इसके बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। बहरहाल, अलग अलग वेरिएंट की स्थिति देखें तो भारत में अभी 61 फीसदी कोरोना मरीजों में एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट मिला है। वहीं, 8.4 फीसदी में एक्सबीबी.1.16.1, 7.3 फीसदी में एक्सबीबी.2.3 और 5.30 फीसदी रोगियों में एक्सबीबी.1.16.2 म्यूटेशन मिले हैं। एफयू.1 म्यूटेशन अभी एक फीसदी रोगियों में ही मिला है लेकिन भविष्य में यह किस तरह प्रसारित होता है? इसके बारे में इन्साकॉग ने भी जानकारी नहीं दी है।
तीन राज्यों की जानकारी मिली
जीनोम विशेषज्ञ डॉ. राज नारायण ने बताया कि भारत अभी भी सबसे ज्यादा एक्सबीबी.1.16 वेरिएंट का सामना कर रहा है लेकिन बीते सप्ताह तीन राज्य महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात में जिन जीनोम सीक्वेंस को साझा किया है उनमें एफयू.1 और एफयू.2 दोनों की पुष्टि हुई है। यह अभी हमारे लिए नया है, इसके बारे में बहुत जानकारी नहीं है लेकिन सोशल मीडिया पर इसे एक्सबीबी.1.16.1 वेरिएंट के परिवार का माना जा रहा है।
मौजूदा स्थिति : कोरोना के 10,112 नए मामले, 29 मौतें
एक दिन में देश में कोरोना के 10112 नए मामले सामने आए हैं जबकि 29 लोगों की मौत हुई है। फिलहाल सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 67806 तक पहुंच गई है। हालांकि गंभीर बात यह है कि दैनिक संक्रमण दर फिर से सात फीसदी पहुंची है। बीते दिन 1.43 लाख सैंपल की जांच हुई थी जिनमें 7.03 फीसदी सैंपल संक्रमित मिले। साप्ताहिक संक्रमण दर अब बढ़कर 5.43 फीसदी तक जा पहुंची है।
आंकड़े बता रहे...निकल गया कोरोना का पीक, 81 फीसदी तक आई कमी
भले ही सरकार ने इस साल कोरोना के नए पीक की पुष्टि नहीं की है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश में महामारी का यह एक और पीक अब निकल गया है। बीते सप्ताह की तुलना में दैनिक मरीजों में 20 फीसदी की गिरावट आई है जबकि अन्य सप्ताहों की तुलना करें तो यह गिरावट 81 फीसदी तक दर्ज की गई है। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से समीक्षा करने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल एक जनवरी से 22 अप्रैल तक के बीच का ट्रेंड लहर निकलने की पुष्टि कर रहा है। ट्रेंड के अनुसार, अब तक 16 सप्ताह में कोरोना का बढ़ता क्रम दिखाई दिया है। साल के पहले सप्ताह में 1,276 लोग संक्रमित मिले थे जो बढ़ते बढ़ते 16वें सप्ताह में 73,876 तक पहुंच गए।