वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- मास्टरकार्ड इंक के पूर्व सीईओ को राष्ट्रपति जो बाइडेन का पिछले महीने समर्थन मिला था, जब वर्तमान अध्यक्ष डेविड मलपास ने लगभग एक साल पहले पद छोड़ने की योजना की घोषणा की थी। भारत ने विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए अजय बंगा की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
भारतीय मूल के अजय बंगा का निर्विरोध विश्व बैंक का अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। बुधवार को नामांकन समाप्त हो गए। किसी भी अन्य देश ने सार्वजनिक रूप से वैकल्पिक उम्मीदवार का प्रस्ताव नहीं दिया है। मतलब बंगा के खिलाफ कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं है।
मास्टरकार्ड इंक के पूर्व सीईओ को राष्ट्रपति जो बाइडेन का पिछले महीने समर्थन मिला था, जब वर्तमान अध्यक्ष डेविड मलपास ने लगभग एक साल पहले पद छोड़ने की योजना की घोषणा की थी। भारत ने विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए अजय बंगा की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
मलपास का भी निर्विरोध चुनाव हुआ था
ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, 2019 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलपास को नामित किया था। मलपास का चुनाव भी निर्विरोध ही हुआ था। इस पद पर हमेशा से अमेरिकी उम्मीदवार का ही चयन होता रहा है। अमेरिका के अलावा किसी भी देश ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। विश्व बैंक के नियम सदस्य देशों को एक समयावधि के दौरान नामांकन करने की अनुमति देते हैं, जो बुधवार दोपहर को खत्म हो चुका है। ऐसे में अजय बंगा के सामने कोई खड़ा नजर नहीं आ रहा है। फरवरी के अंत में नामांकन शुरू हुआ था।
पुणे में जन्म, शिमला से की है पढ़ाई
वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष पद के लिए नामित मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ अजय बंगा का शिमला से नाता रहा है। पुणे में जन्मे बंगा ने 70 के दशक में शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से प्राइमरी स्तर की पढ़ाई की। इनके पिता आर्मी में अफसर थे। इस दौरान कुछ समय के लिए वह शिमला में तैनात रहे। इस दौरान अजय बंगा को सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में पढ़ाई के लिए प्रवेश दिलवाया था। बंगा के वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष पद के लिए नामित होने पर न केवल सेंट एडवर्ड स्कूल बल्कि शिमला और हिमाचल के लिए भी यह गर्व की बात है।