वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सुख-सुविधाओं का त्याग और कठिन परिश्रम करना पड़ता है। इसके लिए अपने को तपाना पड़ता है। कठिन परिश्रम, त्याग और तपस्या के चलते ही आज यह विश्व भारती विश्विविद्यालय, विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय, बन पाया...
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सुख-सुविधाओं का त्याग और कठिन परिश्रम करना पड़ता है। इसके लिए अपने को तपाना पड़ता है। कविकुल गुरु रविंद्र नाथ ठाकुर ने अपने जीवन में कठोर तप किया। जब वे शांतिनिकेतन आए तो यह एक ग्रामीण अंचल था। उनके कठिन परिश्रम, त्याग और तपस्या के चलते ही आज यह विश्व भारती विश्विविद्यालय, विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय, बन पाया। गुरु रविंद्र नाथ जी का जीवन प्रेरणस्रोत है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।
दो दिवसीय बंगाल दौरे पर कोलकाता पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, विश्व भारती के विद्यार्थी गुरुदेव के जीवन से प्रेरणा लेंगे। दूसरों से अलग दिखने के लिए अपने कंफर्ट जोन से निकलना होगा। हम सबको मालूम है कि हमारे देश की राष्ट्रीय गीत और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत भी गुरुदेव ने ही लिखा था। इसके साथ ही विश्व भारती के लिए भी उन्होंने गीत लिखा था, जिसे आश्रम संगीत कहा जाता है। इस गीत में विश्व बंधुत्व की भावना दिखाई देती है। उन्होंने कहा, जैसा कि इस विश्वविद्यालय की छवि है, जैसी परंपरा है। इसके अनुरुप आने वाले दिनों में यहां के विद्यार्थी पूरी दुनिया में मानवता का संदेश देंगे। उन्होंने सभी डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।
बैंकों को जनता के पैसों का संरक्षक के रूप में कार्य करना है
इससे पहले राष्ट्रपति ने यूको बैंक के 80 वर्ष पूरे होने पर कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, बैंकों की पहली जिम्मेदारी है कि उन्हें जनता के पैसे के संरक्षक के रूप में कार्य करना है। उनकी दूसरी जिम्मेदारी है कि उन्हें वर्तमान की बचत-निधियों का उपयोग भविष्य के लिए संपत्ति निर्माण करना है। इन दोनों जिम्मेदारियों को संतुलित रूप से निभाना हर बैंक के लिए एक चुनौती है।
बेलूर मठ का दौरा, परमहंस और मां शारदा के दर्शन किए
इससे पहले मंगलवार सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बेलूर मठ का दौरा किया और श्री श्री ठाकुर रामकृष्ण परमहंस और मां शारदा के दर्शन किए। राष्ट्रपति मठ के मुख्य मंदिर के साथ-साथ परिसर में स्वामी विवेकानंद के कमरे में भी गईं, जहां स्वामी जी ध्यान लगाते थे। राष्ट्रपति की अगवानी मिशन के महासचिव स्वामी सुविरंदाजी महाराज ने की। 19वीं सदी के अंत में स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित रामकृष्ण मिशन के वैश्विक मुख्यालय इस 'मठ' परिसर की मंदिर वास्तुकला हिंदू, इस्लामी, ईसाई और बौद्ध कला और रूपांकनों के मिश्रण के लिए उल्लेखनीय है। राष्ट्रपति ने पूरे परिसर का भ्रमण किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पैतृक आवास नेताजी भवन का दौरा किया। उन्होंने टैगोर परिवार के घर जोरासांको का भी दौरा किया था। शाम को नेताजी इंडोर स्टेडियम में उनका नागरिक अभिनंदन किया गया, जहां राज्यपाल सी वी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद थीं।