वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज: केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री एस पी एस बघेल ने राहुल गांधी को अयोग्य करार देने का बचाव किया है। केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री एस पी एस बघेल ने इस कार्रवाई को 'वैध' करार दिया। उन्होंने कहा कि कानून के सामने हर कोई समान है।
दो दिनों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को एक के बाद एक करारे झटके लगे हैं। गुरुवार को जहां सूरत की अदालत द्वारा उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई, वहीं शुक्रवार को उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी गई। राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने के संबंध में लोकसभा सचिवालय की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे लेकर भाजपा पर सच की आवाज दबाने का आरोप लगया है। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह इस मामले में कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ाई लड़ती रहेगी। वहीं, भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई कानूनी है।
भाजपा ने कहा- ये कानूनी कार्रवाई
वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री एस पी एस बघेल ने राहुल गांधी को अयोग्य करार देने का बचाव किया है। केंद्रीय कानून और न्याय राज्य मंत्री एस पी एस बघेल ने इस कार्रवाई को 'वैध' करार दिया। उन्होंने कहा कि कानून के सामने हर कोई समान है। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक भाजपा विधायक का भी उदाहरण दिया। एसपी बघेल ने कहा कि एक भाजपा विधायक को हाल ही में एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में अयोग्य घोषित किया गया था।
कांग्रेस लड़ेगी कानूनी और राजनीतिक लड़ाई
राहुल गांधी की अयोग्यता पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह इस मामले में 'कानूनी और राजनीतिक रूप से" लड़ाई लड़ेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा 'हम भयभीत या चुप नहीं होंगे। पीएम से जुड़े अदाणी महामेगास्कैम में जेपीसी के बजाय राहुल गांधी अयोग्य हैं। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।'
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि वह राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई और उसकी तेजी से हैरान हैं। थरूर ने एक ट्वीट में कहा कि 'यह राजनीति दस्तानों के साथ की जा रही है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।'
कल सुनाई गई थी सजा
गौरतलब है कि मानहानि के मामले में सूरत की अदालत ने गुरुवार को ही राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा था। जिसके खिलाफ राहुल के खिलाफ गुजरात भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।
लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस बारे में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।
यह अधिसूचना लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के नाम से जारी हुई है। इसकी एक-एक प्रति राहुल गांधी, राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, चुनाव आयोग, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, लायसन अधिकारी, संपदा निदेशालय, संसद भवन एनेक्सी, एनडीएमसी सचिव, दूरसंचार लायसन अधिकारी और लोकसभा सचिवालय के सभी अफसरों और शाखाओं को भेजी गई है।
क्या है कानून?
बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक किसी भी सांसद या विधायक को अगर किसी मामले में दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही वह छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। ऐसे में अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके लिए बड़ा झटका होगा।