वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई है। राहुल पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान 'मोदी सरनेम' पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगा था। इसी मामले में राहुल पर गुजरात के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
अग किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता चली जाती है। हालांकि, राहुल को अभी एक महीने की मोहलत मिली हुई है। राहुल इस फैसले के खिलाफ एक महीने के अंदर सेशंस कोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं। अगर सेशंस कोर्ट भी सजा बरकरार रखती है तो जरूर राहुल की सदस्यता पर खतरा मंडरा सकता है।
राहुल पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनकी सदस्यता जा सकती है। इसके पहले भी कई ऐसे सांसद और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है, जिन्हें कोर्ट ने दो साल या इससे अधिक की सजा सुनाई है। आज हम ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में बताएंगे, जिनकी सदस्यता सजा के चलते चली गई। ये भी बताएंगे कि वो कौन सा नियम है, जिसके जरिए विधायकों और सांसदों की सदस्यता रद्द हो जाती है?
. आजम खान: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक रहे आजम खान की सदस्यता भी चली गई है। आजम रामपुर से लगातार 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं और सांसद भी रहे। आजम खान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी का आरोप लगा था। इस मामले में तीन साल तक कोर्ट में केस चला और फिर कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई। सजा होने के बाद आजम को जमानत तो मिल गई लेकिन उनकी विधानसभा की सदस्यता जरूर चली गई। इसके बाद पिछले साल दिसंबर में रामपुर सदर सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना जीत गए थे।
अब्दुल्ला आजम : समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने 15 साल पुराने मामले में सपा महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई थी। अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार सीट से विधायक बने थे। अब इस सीट पर उपचुनाव होने हैं।