वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-16 जनवरी 2023 को विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने महादयी मुद्दे पर कोई भी बयान देने से परहेज किया था, जिसके कारण विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए थे। उस दौरान राज्यपाल के अभिभाषण को विपक्षी विधायकों ने बाधित किया, जिन्हें बाद में सदन से बाहर कर दिया गया था।
गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने महादयी जल मुद्दे पर गोवा विधानसभा में उनके भाषण को बाधित करने के दो महीने बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के रूप में उनकी अपनी पाबंदियां हैं क्योंकि मामला अदालत में है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल कोई राजनेता नहीं होता।
पिल्लई ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विधानसभा के रुख का समर्थन करते हैं। गोवा और कर्नाटक के बीच महादयी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर कई सालों से तनातनी चल रही है। गोवा अक्सर कर्नाटक पर समझौतों की अनदेखी कर के इस मामले में एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाता रहा है।
16 जनवरी 2023 को विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने महादयी मुद्दे पर कोई भी बयान देने से परहेज किया था, जिसके कारण विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए थे। उस दौरान राज्यपाल के अभिभाषण को विपक्षी विधायकों ने बाधित किया, जिन्हें बाद में सदन से बाहर कर दिया गया था।
राज्यपाल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि विधानसभा में अभिभाषण सामान्य रूप से नीतिगत घोषणा और सरकार के प्रस्तावों से संबंधित होता है। उन्होंने कहा, “(महादयी) विवाद अदालत के समक्ष लंबित है। एक राज्यपाल के रूप में (जब सदन के पटल पर अभिभाषण की बात आती है तो) मेरी कुछ सीमाएं होती हैं।
पिल्लई ने कहा कि एक राज्यपाल के रूप में वह इस मुद्दे पर जारी आंदोलन और “मजबूत मांगों” के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, “राज्य की मांग सरकार के संकल्प और नीति में परिलक्षित होती है। मैंने उसे अपना पूरा समर्थन दिया है और घोषणा की है कि यह एक वास्तविक मुद्दा है।”