वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-मध्यप्रदेश के शहडोल जिले की कोयला खदान में सात लोगों की मौत के बाद अब प्रशासन की आंखें खुली हैं। प्रशासन ने करीब तीन करोड़ रुपये की शासकीय जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया।
शहडोल के धनपुरी में सात लोगों की मौत के बाद प्रशासन जाग गया है। अब कार्रवाई का दौर शुरू कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने बताया, दो कबाड़ी को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिनके अवैध कबाड़ के ठिकानों पर बुलडोजर चलाकर शासकीय जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया है।
बता दें कि बंद कोयला खदान से सात लोगों की मौत का मामला सामने आते ही जिले में हड़कंप मच गया। खबर राजधानी तक पहुंची और अपने आप को बचाने को लेकर पुलिस और प्रशासन ने कॉलरी प्रबंधन के ऊपर ही पूरी लापरवाही बता दी। लापरवाही के चलते कॉलरी प्रबंधन पर अपराध भी दर्ज कर लिया है।
दरअसल दो अगल-अलग दिन सात लोग कबाड़ चोरी के नीयत से धनपुरी में बंद पड़ी यूजी कोल माइंस में कबाड़ चोरी करने गए थे। जहां उनकी जहरीली गैस के चपेट आने से मौत हो गई। एसपी ने बताया कि मामले में मुख्य आरोपी गुड्डू कबाड़ी और पप्पू कबाड़ी के कब्जे करीब तीन करोड़ रुपये की शासकीय जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।
इधर, कलेक्टर वंदना वैद्य ने एसपी के अनुशंसा पर एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र में बंद पड़ी खदानों में आम आदमी के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर ने धारा-144 लगाकर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है।