वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-लॉकडाउन में अफसरों की फाइव स्टार होटलों में मौज का मामला महाराष्ट्र के भाजपा विधायक मिहिर कोचेटा ने उठाया है। उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में इस मामले की जांच राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से कराने की मांग की।
कोविड लॉकडाउन में भी बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के अफसरों ने खूब मौज मजे किए। मुंबई में लॉकडाउन के दौरान ये साहेबान महानगर की पांच सितारा होटलों में रहे। महाराष्ट्र के एक भाजपा विधायक ने दावा किया कि बीएमसी के अफसरों ने इस पर 35 करोड़ रुपये खर्च कर डाले।
लॉकडाउन में अफसरों की फाइव स्टार होटलों में मौज का मामला महाराष्ट्र के भाजपा विधायक मिहिर कोचेटा ने उठाया है। उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखे पत्र में इस मामले की जांच राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से कराने की मांग की। बीएमसी के इन अफसरों ने वर्ष 2020 से 2021 के दौरान लॉकडाउन में होटलों में ठहरने पर 35 करोड़ खर्च किए। कोचेटा ने लॉकडाउन के दौरान होटलों में ठहरने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है।
आम लोगों के जीवन की परवाह नहीं
कोटेचा ने होटलों में ठहरने पर 34.6 करोड़ रुपये खर्च होने का दावा करते हुए पत्र में लिख कि इस तरह के व्यवहार से पता चलता है कि बीएमसी को आम लोगों के जीवन के बारे में बहुत कम परवाह है, लेकिन वह अपने अधिकारियों को पांच सितारा होटलों में ठहराती है।
ठाकरे गुट को घेरने की कोशिश
कोटेचा के आरोपों को भाजपा द्वारा शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को घेरने का एक और प्रयास माना जा रहा है। शिवसेना का पिछले तीन दशकों से देश के इस सबसे अमीर नगर निगम पर नियंत्रण है।भाजपा विधायक ने पत्र में कहा कि नर्स और अन्य चिकित्सा कर्मचारी, जो महामारी के दौरान फ्रंटलाइन कार्यकर्ता थे, उन्हें अपना बकाया भुगतान तक समय पर नहीं मिला, लेकिन बीएमसी के अफसरों ने इस तरह का भ्रष्ट आचरण पेश किया, यह नगर निकाय को डुबो रहा है।
शिंदे सरकार ने दिए कैग जांच के आदेश
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार ने 31 अक्तूबर को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को कोरोना महामारी के दौरान मुंबई के नगरीय निकाय द्वारा किए गए आवंटन और कार्यों की जांच करने को कहा था। उस अवधि में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार सत्ता में थी। इसके बाद कैग ने नवंबर में बीएमसी द्वारा कार्यों के आवंटन की जांच शुरू की है।
बता दें, पिछली कोरोना लहरों के दौरान केरल के बाद महाराष्ट्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ था। इस दौरान देश के कई नगरीय निकायों के अफसर घर के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए घर नहीं जाते थे। वे होटलों या अन्य परिसरों में रात बिताकर कोविड राहत व बचाव तथा अन्य कार्यों में जुटे थे। हालांकि, पंचतारा होटलों में ठहरने की सुविधा थी या नहीं, यह जांच का विषय है।