वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-गांव, गरीब और किसान तीनों ही अटलजी की प्राथमिकताओं में शुमार थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे कदम उठाए, जिन्होंने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल डाली।
भाजपा के पितृ पुरुष और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को आज देश याद कर रहा है। गांव, गरीब व किसान उनके जेहन में बसते थे। देश की सियासत में अटलजी का नाम बड़े आदर से लिया जाता है। भाजपा के मौजूदा विशाल स्वरूप में उनका बड़ा योगदान है। आजादी के आंदोलन से मिले स्वराज को उन्होंने सुशासन में रूपांतरित करने में अहम भूमिका निभाई।
25 दिसंबर को अटलजी का जन्म दिन है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह दिल्ली स्थित अटलजी के समाधि स्थल 'सदैव अटल' पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे।
अटलजी का पैतृक गांव यूपी के आगरा जिले में बटेश्वर था। एक बार जब इसे लेकर उनसे सवाल किया गया तो अटलजी ने तपाक से कह दिया था, पूरा देश ही मेरा गांव है। पूर्ववर्ती जनसंघ के चुनिंदा नायकों में शुमार रहे अटलजी के रग रग में देशभक्ति बसी थी। वे हमेशा देशवासियों के दिलों में छाए रहे। वे हमेशा ओजस्वी भाषण शैली, धीर गंभीर प्रवृत्ति, राजनीतिक विचारक और विचारधारा व राष्ट्र के प्रति जीवन के समर्पण लिए याद किए जाएंगे। अटलजी का नाम भाजपा ही नहीं कांग्रेस समेत अनेक दलों के नेता व कार्यकर्ता भी आदर से लेते हैं।
प्रधानमंत्री गांव सड़क योजना ने बदली गांवों की तकदीर
गांव, गरीब और किसान तीनों ही अटलजी की प्राथमिकताओं में शुमार थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे कदम उठाए, जिन्होंने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल डाली। इनमें प्रधानमंत्री गांव सड़क योजना ने तो गांवों को शहरों से जोड़कर ग्रामीण भारत की तकदीर ही बदल दी।
तीन बार बने प्रधानमंत्री, हमेशा रखा गांवों व किसानों का खयाल
अटलजी तीन बार प्रधानमंत्री रहे थे। सबसे पहले वर्ष 1996 में 13 दिन, फिर 1998 में 13 माह और अंतिम बार 1999 से 2004 तक। इस दौरान उनकी सरकारों ने गांवों व किसानों के अलावा गरीबों के हित में अनेक बड़े फैसले किए। किसानों व गांवों के लिए वे हमेशा तत्पर रहते थे। इसी कारण उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए भी 13 माह तक कृषि मंत्रालय अपने पास रखा था। वे हमेशा कृषि, गरीबी, निरक्षरता और बेरोजगारी को लेकर चिंतित रहे। विपक्ष में रहते हुए भी सरकार के मुखिया के नाते भी।
किसान क्रेडिट कार्ड व कृषि आय दोगुना करने की पहल
अटलजी ने 15 अगस्त 2003 को लाल किले की प्राचीर से पहली बार देश के किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। उनकी सरकार ने ही किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की थी। इसके लिए उन्होंने रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय की प्रतिकूल राय को भी दरकिनार कर दिया था। 1998 में आरंभ हुई किसान क्रेडिट कार्ड योजना ने किसानों को खाद, बीज के लिए सहकारी संस्थाओं व बैंकों से आसानी से कर्ज के इंतजाम किए। उनके प्रधानमंत्री काल में ही पहली बार राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना शुरू की गई। यह फसल बीमा योजना 1999-2000 के रबी सीजन से शुरू हुई थी।