वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-केरल सरकार ने प्रतिबंधित पीएफआई और उसके सचिव से नुकसान की वसूली के निर्देश का पालन नहीं करने के लिए केरल उच्च न्यायालय के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी।
केरल सरकार ने प्रतिबंधित पीएफआई और उसके सचिव से नुकसान की वसूली के निर्देश का पालन नहीं करने के लिए केरल उच्च न्यायालय के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी। सरकार ने अदालत को सूचित किया कि वह 15 जनवरी से पहले पंजीकरण विभाग द्वारा पाई गई वस्तुओं को जब्त कर लेगी। बता दें कि इससे पहले PFI से वसूली की देरी होने पर हाईकोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाई थी।
गौरतलब है कि अदालत ने 30 सितंबर को पीएफआई को दो हफ्ते के भीतर कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) को हुए नुकसान के एवज में 5.20 करोड़ देने का निर्देश दिया था। अदालत ने इसके साथ ही आदेश दिया था कि अवैध हड़ताल के संबंध में राज्यभर में दर्ज मामलों में पीएफआई के राज्य सचिव अब्दुल सत्तार को आरोपी बनाया जाए।
जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस मोहम्मद नियास की खंडपीठ ने वसूली में सरकार द्वारा उठाए गए अब तक के कदमों पर विचार किया। अदालत ने कहा, पूर्व के आदेश में हमने राजस्व वसूली अधिनियम के प्रावधानों को लागू करके संपत्ति/संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था।
अदालत ने कहा, 5.20 करोड़ रुपये की राशि की वसूली के लिए संगठन के साथ साथ सचिव सहित पदाधिकारियों की व्यक्तिगत संपत्ति के मामले में हमने पाया है कि उक्त निर्देशों के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा कुछ भी ठोस नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि वह राज्य सरकार इस तरह के कठोर रवैये को स्वीकार नहीं कर सकती है। जब इस अदालत के निर्देशों को लागू करने का आह्वान किया जाता है, विशेष रूप से जनहित और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले मामलों में हम अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश देते हैं।