वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-भोपाल. मध्य प्रदेश में कांग्रेस से हाल ही में निष्कासितपूर्व मीडिया को-ऑर्डिनेटर नरेन्द्र सलूजा बीजेपी में शामिल हो गए हैं. आज भोपाल में सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. सलूजा का कोई जनाधार या पार्टी में कोई समर्थक गुट नहीं था, लेकिन वो कमलनाथ के करीबी और लंबे समय तक मीडिया कोऑर्डिनेटर रहे. खालसा कॉलेज विवाद के कारण कमलनाथ की नाराजगी के बाद सलूजा को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया था. नरेंद्र सलूजा लंबे समय तक कमलनाथ के करीबी रहे और कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली. कमलनाथ के ट्वीट से लेकर मीडिया रिएक्शन तक में नरेंद्र सलूजा का बड़ा रोल होता था. लेकिन बीते दिनों कोई एक घटना के बाद नरेंद्र सलूजा को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया था. पीसीसी की तरफ से नरेंद्र सलूजा को मैसेज कर हटाने की जानकारी दी गई थी. उसके बाद नरेंद्र सलूजा ने अब बीजेपी का दामन थाम लिया है. कल तक सोशल मीडिया पर बीजेपी पर हमलावर रहने वाले नरेंद्र सलूजा अब कमलनाथ पर हमलावर होंगे. बीते दिनों इंदौर खालसा कॉलेज में सम्मान विवाद को लेकर कमलनाथ नरेंद्र सलूजा से नाराज थे. सलूजा को कांग्रेस दफ्तर आने से मना कर दिया गया था. इंदौर घटना के मामले में कमलनाथ में नरेंद्र सलूजा की भूमिका पर नाराजगी जताई थी. इसी वजह से नरेंद्र सलूजा को हटाया गया था.
खालसा कॉलेज का विवाद
इंदौर के खालसा कॉलेज में प्रकाश पर्व पर आयोजित कीर्तन कार्यक्रम में कमलनाथ शामिल हुए थे. वहां पदाधिकारियों ने उन्हें सरोपा सौंपा था और सम्मान किया था इस पर एक कीर्तनकार ने उनके सम्मान का विरोध कर दिया था. कीर्तनकार ने 1984 में हुए सिख दंगों के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार बताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया था. इस विवाद के कारण ही कमलनाथ नरेंद्र सलूजा से नाराज बताए जा रहे थे.
39 साल बाद हुआ अहसास
सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नरेंद्र सलूजा को गमछा देकर आज बीजेपी की सदस्यता दिलाई. मुख्यमंत्री ने सलूजा की तारीफ करते हुए कहा वह ईमानदार और मेहनती हैं. कमलनाथ का साथ छोड़ पीएम बीजेपी के साथ जाने वाले नरेंद्र सलूजा ने कहा कि खालसा कॉलेज में हुए विरोध के बाद मुझे 84 के दंगों में कमलनाथ के होने का एहसास हुआ और उसी के बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला लिया. सलूजा ने कहा सिख समाज के दोषियों के साथ में नहीं रह सकता. इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं अब धर्म के साथ रहूंगा. नरेंद्र सलूजा ने भाजपा की सदस्यता लेते ही पीएम मोदी सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के प्रति आभार जताया.
ऐसे समय पाला बदला…
कमलनाथ के करीबी रहे नरेंद्र सलूजा ने ऐसे समय में बीजेपी की सदस्यता ली जब प्रदेश में राहुल गांधी की पदयात्रा निकल रही है और प्रदेश के सभी नेता वहां व्यस्क हैं. यही वजह रही कि कमलनाथ के करीबी रहे नरेंद्र सलूजा को बीजेपी की सदस्यता दिला कर भाजपा ने कांग्रेस से नेताओं का मोह भंग होने का संदेश देने की कोशिश की है.