वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-भारत एक विशाल और सांस्कृतिक,धार्मिक विविधता से परिपूर्ण देश है। पूर्वोत्तर भारत इसका अभिन्न और महत्वपूर्ण भाग रहा है। सांस्कृतिक विविधता,प्राकृतिक सौंदर्य और प्रतिभाशाली लोगों से भरपूर भारत का ये भाग सालों तक विपक्ष के शासनकाल में उग्रवाद और केंद्र सरकार के बेरुखी का शिकार रहा। पूर्वोत्तर भारत को कभी उनकी आशाओ और आकाक्षाओं की पूर्ति का माध्यम नहीं मिला लेकिन वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद का कार्यकाल संभालने के बाद से ही पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर भारत के महत्व को वास्तविक रुप में पहचान दिलाने, क्षेत्रीय विकास को अहम महत्व देने और इसे विकास के मार्ग पर तेजी से अग्रसर कराने के लिए कई कदम उठाए।
पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर भारत के विकास को देश की प्राथमिकता बनाया
बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे ‘डोनी पोलो’ और अन्य विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के अवसर पर संबोधन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कि आजादी के बाद नॉर्थ ईस्ट बिल्कुल अलग तरह के दौर का गवाह रहा है। दशकों तक ये क्षेत्र उपेक्षा और उदासीनता का शिकार रहा है। तब दिल्ली में बैठकर पॉलिसी बनाने वालों को सिर्फ इतने भर से मतलब था कि किसी तरह यहां चुनाव जीत जाएं। ये स्थिति कई दशकों तक बनी रही। जब अटल जी की सरकार बनी, उसके बाद पहली बार इसे बदलने का प्रयास किया गया। वो पहली सरकार थी, जिसने नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया लेकिन उनके बाद आई सरकार ने उस मूमटेंम को आगे नहीं बढ़ाया। इसके बाद बदलाव का नया दौर 2014 के बाद शुरू हुआ, जब आपने मुझे सेवा करने का अवसर दिया। पहले की सरकारें सोचती थीं कि अरुणाचल प्रदेश इतना दूर है, नॉर्थ इतना दूर है। दूर-सुदूर सीमा पर बसे लोगों को पहले आखिरी गांव माना जाता था। लेकिन हमारी सरकार ने उन्हें आखिरी गांव नहीं, आखिरी छोर नहीं, बल्कि देश का प्रथम गांव मानने का काम किया है। नतीजा ये कि नॉर्थईस्ट का विकास देश की प्राथमिकता बन गया। डोनी-पोलो एयरपोर्ट, अरुणाचल का चौथा ऑपरेशनल एयरपोर्ट है। आजादी के बाद से सात दशकों में पूरे नॉर्थ ईस्ट में केवल 9 एयरपोर्ट थे। जबकि हमारी सरकार ने सिर्फ आठ वर्षों में सात नए एयरपोर्ट बना दिए हैं। यहां कितने ही ऐसे क्षेत्र हैं, जो आजादी के 75 वर्ष बाद अब एयर कनेक्टिविटी से जुड़े हैं। इस वजह से अब नॉर्थ ईस्ट आने-जाने वाली उड़ानों की संख्या भी दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है।
पूर्वोत्तर भारत में कनेक्टिविटी सुधारने पर मोदी सरकार का विशेष जोर
पीएम मोदी ने कार्यभार संभालने के बाद से ही पूर्वोत्तर भारत का संपर्क पूरे भारत और दुनिया से बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। आज, रेल कनेक्टिविटी अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा तक पहुंच चुकी है जो पहले केवल गुवाहाटी तक ही सीमित थी और पांच अन्य परियोजनाएं लाइन में हैं।“ इसके साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई वर्ष 2014-15 में 10,905 किलोमीटर से बढ़कर वर्तमान समय में 13,710 किलोमीटर हो चुकी है।
दूरसंचार विभाग ने लगभग 4,404 टावरों के नेटवर्क के द्वारा और 3,715 करोड़ रुपये की लागत से 5,600 गांवों को आपस में जोड़ने का अभियान शुरू किया। पूर्वोत्तर क्षेत्र में बिजली की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से, 2014-15 से लेकर अब तक 10,003 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। उत्तर पूर्व क्षेत्र में 1,28,000 मेगावाट से ज्यादा रिन्यूबल इनर्जी उत्पन्न करने की क्षमता है और मोदी सरकार इस क्षमता के पूर्ण दोहन के कार्य पर तेजी से लगी है।