वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-बता दें कि काफी लंबे समय से इस बात पर चर्चा हो रही थी कि ट्रंप फिर से राजनीति में उतरेंगे या नहीं. हालांकि पिछले हफ्ते उन्होंने कहा था कि वह जल्द बड़ी घोषणआ करेंगे. ऐसे में लोगों को इसकी उम्मीद थी कि वह राष्ट्रपति पद के लिए फिर से रेस में शामिल हो सकते हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंबे समय से चली आ रही कयासों के दौर को मंगलवार को खत्म कर दिया. उन्होंने देर रात इस बात की पुष्टि कर दी कि वह 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे. बता दें कि काफी लंबे समय से इस बात पर चर्चा हो रही थी कि ट्रंप फिर से राजनीति में उतरेंगे या नहीं. हालांकि पिछले हफ्ते उन्होंने कहा था कि वह जल्द बड़ी घोषणआ करेंगे. ऐसे में लोगों को इसकी उम्मीद थी कि वह राष्ट्रपति पद के लिए फिर से रेस में शामिल हो सकते हैं.
देर रात दस्तावेज किए साइन
डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात औपचारिक रूप से 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए दस्तावेज दाखिल किए. इस दौरान ट्रंप ने फ्लोरिडा के एक रिसॉर्ट में अपने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा कि अब अमेरिका की वापसी शुरू हो रही है. ट्रंप ने इस दौरान अपने समर्थकों से कहा, अमेरिका को फिर से महान और गौरवशाली बनाने के लिए मैं आज 2024 में होने वाले चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर रहा हूं. वहीं ट्रंप की इस घोषणा पर अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी प्रतिक्रिया दी. मंगलवार रात को जो बाइडन ने ट्वीट करते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को पहले भी निराश किया है. अपने ट्वीट के साथ ट्रंप का एक वीडियो लगाते हुए, बाइडन ने आरोप लगाया कि ट्रंप शासन के दौरान अमीरों और कॉरपोरेटर्स के लिए टैक्स में कटौती की गई, रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी हुुई, नौकरी की रिपोर्ट भी सबसे खराब रही. ट्रंप एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने पदभार ग्रहण करने के समय की तुलना में पद छोड़ते वक्त उससे कम नौकरियां देश में छोड़ीं.
डोनाल्ड ट्रंप के सामने इस बार कई चुनौतियां होंगी. एक तरफ जहां उन्हें अपनी ही पार्टी में दूसरे नेताओं से इस पद के लिए टक्कर मिल सकती है. रिपब्लिकन पार्टी से इस बार राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों में फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसांटिस और पूर्व उपाध्यक्ष माइक पेंस का भी नाम चल रहा था. ऐसे में ट्रंप को पहले इनसे निपटना होगा. इसके बाद ट्रंप को जीत के लिए 435 सीटों वाली प्रतिनिधि सभा में बहुमत हासिल करना होगा. बता दें कि पिछली बार 2020 में चुनाव नतीजे आने के बाद जब ट्रंप की हार हुई थी तो उन्होंने हाईवोल्टेज ड्रामा किया था. आरोप है कि उन्होंने कैपिटल हिल पर हिंसा के जरिये नतीजों को बदलने की कोशिश की थी.