Saturday June 28, 2025
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  • वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट हो सकता है लोकसभा में पेश शीत कालीन सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट 2004 और जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 को आज लोकसभा में पेश कर सकते हैं। रिजर्वेशन एक्ट से राज्य सरकार की नौकरियों, कॉलेज एडमिशन में आरक्षण व्यवस्था लागू हो सकेगी। वहीं जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 की मदद से जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन किया जाएगा। इसकी मदद से जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी। साथ ही सात सीटें अनुसूचित जाति और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षित की जाएंगी।
  • Parliament Winter Session Live: संसद की कार्यवाही शुरू हुई, आज पेश हो सकती है आचार समिति की रिपोर्ट Parliament Winter Session 2023 Live News in Hindi: संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ संसद की आचार समिति की रिपोर्ट आज संसद में पेश की जा सकती है। विपक्षी सांसदों की मांग है कि इस रिपोर्ट पर कोई भी फैसला लेने से पहले इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आचार समिति की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
  • इंदौर हादसा: मंदिर में फंसे 15 लोगों को अब तक किया जा चुका रेस्क्यू
  • इंदौर हादसा: CM शिवराज बोले- 10 लोगों को बचाया जा चुका, 9 अब भी फंसे हुए
  • यूपी: उमेश पाल हत्याकांड के बाद बीजेपी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह की सुरक्षा बढ़ाई गई
  • इंदौर: बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी के ऊपर की छत गिरी, कई फुट गहराई में फंसे लोग
  • इंदौर में रामनवमी पर बड़ा हादसा, मंदिर की छत धंसी, कुएं में गिरे लोग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
  • पश्चिम गोदावरी: रामनवमी के लिए बनाए गए पंडाल में शार्ट सर्किट से लगी आग
  • दिल्ली: शोभा यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट, जगह-जगह लगाया बैरिकेड
  • लंदन, सैन फ्रांसिस्को, कनाडा में भारतीय दूतावासों के बाहर हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर होगा एक्शन
  • नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से 24 घंटे में 3016 लोग पॉजिटिव, संक्रमण दर 2.73% पहुंची
  • संभाजीनगर में डुप्लीकेट शिवसेना की वजह से तनाव की स्थिति: संजय राउत
  • पंजाब: अमृतपाल की धरपकड़ के लिए जालंधर और कपूरथला में हाई अलर्ट
  • दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ फिर लगे पोस्टर्स, अब शिक्षा को लेकर घेरा गया
  • J-K: कठुआ में सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को खेतों में मिला जिंदा ग्रेनेड

देश News

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54 साल पहले भी शिवसेना की पहचान थी 'ढाल-तलवार

वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:- बात साल 1968 की है, तब शिवसेना करीब 2 साल की ही थी और बृह्नमुंबई महानगरपालिका चुनाव (BMC) में दांव आजमाने की तैयारी कर रही थी। तब पार्टी ने ढाल और दो तलवार के चिह्न पर चुनाव लड़ा था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की को 'ढाल और दो तलवार मिली', उद्धव ठाकरे के खाते में 'मशाल' आई। इसके साथ ही दोनों गुटों के बीच जारी पहचान की जंग पर विराम लग गया है। इसके अलावा दोनों गुटों को नया नाम भी मिला है। एक ओर जहां उद्धव की पार्टी 'शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)' हुई। वहीं, शिंदे की पार्टी 'बालासाहेबांची शिवसेना' के नाम से जानी जाएगी। खास बात है कि दोनों गुटों को मिले चिह्न भी खास हैं। दरअसल, इतिहास बताता है कि दोनों चिह्न शिवसेना की राजनीतिक यात्रा में शामिल रहे हैं।
एक ढाल, दो तलवार
बात साल 1968 की है, तब शिवसेना करीब 2 साल की ही थी और बृह्नमुंबई महानगरपालिका चुनाव में दांव आजमाने की तैयारी कर रही थी। तब पार्टी ने ढाल और दो तलवार के चिह्न पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, पार्टी का नाम जन्म यानी जून 1966 में ही तय हो गया था। इसका श्रेय पार्टी संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के पिता और समाज सुधारकर प्रबोधंकर केशव सीताराम ठाकरे को जाता है
मशाल
1990 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में छगन भुजवल के रूप में शिवसेना का एक ही विधायक चुना गया था। उस दौरान उन्होंने मझगांव क्षेत्र से मशाल के चिह्न पर ही चुनावी जीत हासिल की थी। इसे पहले साल 1984-85 लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना ने भाजपा के कमल चिह्न पर चुनाव लड़ा था। हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना और भाजपा के रिश्तों में खटास आ गई थी और बाल ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। शिवसेना संस्थापक ने मशाल और कमल को लेकर बनाए एक कार्टून में भी भाजपा पर तंज कसा था।

पहले भी अलग-अलग चुनाव चिह्न देख चुकी है पार्टी
साल 1966 से अस्तित्व में आई शिवसेना ने जब 1968 में मुंबई नगर निगम का चुनाव लड़ा, तो पार्टी का चिह्न ढाल और तलवार था। वहीं, 1980 के समय में पार्टी का रेल इंजन चिह्न चर्चा में रहा। साल 1978 का चुनाव पार्टी ने रेल इंजन के निशान पर ही लड़ा था। खबर है कि साल 1985 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार टॉर्च, बैट-बॉल जैसे चिह्न लेकर मैदान में उतरे थे।