वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कैंप की तरफ से दावा किया गया कि अर्जुन खोतकर ने अपना समर्थन दिया है। खास बात है कि महाविकास अघाड़ी सरकार टूटने के बाद शिवसेना में खोतकर को उपनेता का पद दिया गया था।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कैंप में शामिल होने को लेकर जारी अटकलों पर पूर्व मंत्री अर्जुन खोतकर ने खुद ही विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि वह अभी भी शिवसैनिक हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह शिंदे के बुलावे पर चाय-नाश्ता करने गए थे। इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि वह निजी काम से दिल्ली पहुंचे थे। खास बात है कि खोतकर और शिंदे की मुलाकात की एक तस्वीर सामने आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई थीं। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान खोतकर ने कहा, 'कल मुख्यमंत्री से मिला था और उन्होंने मुझे चाय-नाश्ते पर बुलाया था। हम वहां गए। बस इतना ही... अगर इससे अटकलें लगाई जाती हैं, तो लगती रहें। मैं अभी भी शिवसेना में हूं... हम 40 सालों से दोस्त हैं, बुलाने पर अगर चाय के लिए नहीं जाऊंगा तो यह सही नहीं होगा।' सोमवार को भी उन्होंने शिंदे कैंप में शामिल होने की बातों से इनकार किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा था, 'मैं दिल्ली निजी काम से आया था।
मेरी जमीन और चीनी फैक्ट्री को ईडी की तरफ से सील कर दिया गया है और मैं अच्छी कानूनी फर्मों की तलाश कर रहा हूं।' खोतकर ने कहा था कि राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात में कुछ भी गलत नहीं है। साथ ही उन्होंने किसी भी तरह के दबाव से इनकार किया है। उन्होंने कहा, 'मैं उद्धव ठाकरे का शिवसैनिक हूं और अब तक उन्हें नहीं छोड़ा है।' खास बात है कि सोमवार को ही शिंदे कैंप की तरफ से दावा किया गया कि खोतकर ने अपना समर्थन दिया है। खास बात है कि महाविकास अघाड़ी सरकार टूटने के बाद शिवसेना में खोतकर को उपनेता का पद दिया गया था।
ED का क्या है मामला
शिवसेना नेता लंबे समय से ED के रडार पर हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनकी चीनी मिल की 78 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खोतकर को भारतीय जनता पार्टी के नेता रावसाहब दानवे का विरोधी भी माना जाता है। शिंदे के साथ हुई बैठक में वह भी मौजूद रहे थे।