वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-13 विपक्षी दलों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकंपा प्रमुख शरद
पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई बड़े नाम शामिल हैं।
भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश कर रहे विपक्ष में दरार पड़ती नजर आ रही है। हाल ही में 13 दलों की तरफ से
जारी संयुक्त बयान में तेलंगाना के मुख्यंत्री के चंद्रशेखर राव का नाम शामिल नहीं होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। खास बात है कि केसीआर
लगातार भाजपा विरोधी चेहरे के तौर पर पेश किए जा रहे हैं। हालांकि, कई और दलों ने भी इस संयुक्त बयान से दूरी बनाने का फैसला किया था।
13 विपक्षी दलों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार और पश्चिम
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। विपक्ष के इन नेताओं ने देश के कई हिस्सों में हुए सांप्रदायिक घटनाओं पर चिंता
जाहिर की है। खास बात है कि नेताओं के इस समूह में तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (सेक्युलर) के एचडी देव गौड़ा का नाम नहीं है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, संयुक्त बयान से तीन दलों की गैर-मौजूदगी ने विपक्षी एकता पर झटके की तरह देखा जा रहा है। वहीं, यह विपक्षी खेमे
में राष्ट्रीय राजनीति से केसीआर की दूरी की ओर भी इशारा कर रहा है। हाल ही में तेलंगाना के सीएम ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति महत्वकांक्षाएं जाहिर कर चुके हैं।
साथ ही वे खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर भी दिखाने की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने 'समान विचारधारा'
वाली पार्टियों को एक साथ आकर भाजपा के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने का आह्वान किया था।
भाजपा विरोधी पार्टियों को एकसाथ लाने के लिए राव ने कई विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात भी की थई। फरवरी में मुंबई दौरे पर उन्होंने राज्य
के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकंपा प्रमुख पवार से चर्चा की थी। इसके अलावा वे पूर्व पीएम राजीव
गांधी के खिलाफ असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बयानों को लेकर भी राहुल गांधी का समर्थन कर चुके हैं।
हालांकि, राहुल तेलंगाना पार्टी के नेताओं के साथ बैठक में यह साफ कर चुके हैं कि कांग्रेस, टीआरएस के साथ गठबंधन
नहीं करेगी। वहीं, पवार और शिवसेना भी यह कह चुकी है कि कांग्रेस के बगैर तीसरा मोर्चा संभव नहीं है।
टीडीपी ने कांग्रेस के साथ मिलकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चुनाव लड़ा था। वहीं, जेडी(एस) कर्नाटक में कांग्रेस के साथ गठबंधन में रही थी।
अब टीडीपी का 13 दलों में शामिल नहीं होना पार्टी और कांग्रेस के बीच संभावित तनाव को दिखा रहा है।
शनिवार को सोनिया गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, सीपीआई (एम) से सीताराम येचुरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला,
आरजेडी से तेजस्वी यादव, सीपीआई से डी राजा, फॉरवर्ड ब्लॉक से देवव्रत विश्वास, आरएसपी से मनोज भट्टाचार्य,
IUML से पीके कुन्हालिकुट्टी और सीपीआई (एमएल) से दीपांकर भट्टाचार्य ने संयुक्त बयान जारी किया था।