वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर नरेंद्र मोदी और भैरोसिंह शेखावत अपनी विमान का इंतजार कर रहे थे। तभी वहां पूर्व प्रधानमंत्री
चंद्रशेखर भी पहुंचते हैं। भैरोंसिंह शेखावत उन्हें आते हुए देखते हैं।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की आज जयंती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, 'चंद्रशेखर जी महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति थे, जिनकी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और गरीबी को दूर करने
के प्रयासों के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा की गई थी। उन्होंने हमेशा दलितों और वंचितों के कल्याण के लिए काम किया। उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।'
इससे पहले एक मौके पर पीएम मोदी ने चंद्रशेखर और भैरोसिंह शेखावत से जुड़ा एक रोचक किस्सा सुनाया था। बात 90 के दशक की है।
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर नरेंद्र मोदी और भैरोसिंह शेखावत अपनी विमान का इंतजार कर रहे थे। तभी वहां पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर भी पहुंचते हैं।
भैरोंसिंह शेखावत उन्हें आते हुए देखते हैं। तुरंत वह अपनी कुर्ते की जेब में हाथ देते हैं और कुछ निकालकर नरेंद्र मोदी की जेब में रख देते हैं। मोदी जब तक कुछ समझ पाते तब तक वहां चंद्रशेखर आ जाते हैं।
चंद्रशेखर ने सबसे पहले भैरोसिंह शेखावत की जेबें टटोलीं। उसके बाद कुछ देर तक दोनों से बात की और अपनी-अपनी फ्लाइट से राजनीतिक यात्रा के लिए रवाना हो गए।
नरेंद्र मोदी आगे बताते हैं कि दरअसल भैरोंसिंह शेखावत को गुटखा खाने की आदत थी। वह हमेशा अपनी जेब में गुटखा रखते थे। इसके ठीक विपरीत
चंद्रशेखर को इन चीजों से नफरत थी। भैरोसिंह शेखावत को वह कई मौके पर इसके लिए टोक चुके थे।
जब भी दोनों मिलते थे तो चंद्रशेखर सबसे पहले शेखावत की जेबें ही टटोलते थे। अगर कुछ मिलता था तो वह उसे फेंक देते थे।
हालांकि, उस दिन भैरो सिंह शेखावत ने नरेंद्र मोदी की मदद से चंद्रशेखर की प्रकोप से बच गए। जब चंद्रशेखर वहां से चले गए तो नरेंद्र मोदी ने उन्हें उनका सामना वापस कर दिया।
आपको बता दें कि चंद्रशेखर का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया में 17 अप्रैल 1927 को हुआ था। आपातकाल के दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार
का खूब विरोध किया था। सरकार ने उन्हें जेल मे बंद कर दिया था। बाद में वह देश के प्रधानमंत्री बने। 2007 में उनका निधन हो गया।