वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-पाक मीडिया के मुताबिक, बिजली आपूर्ति बहाल न होने तक प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों को जाम रखने का एलान किया है।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान में खाद्यान्न की कमी के बीच लोग बिजली संकट से भी जूझ रहे है। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के मुताबिक, गिलगित शहर के कई इलाकों में बिजली नहीं होने के कारण पिछले एक हफ्ते से लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। सरकार के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
शहर में यातायात ठप हो गया और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पाक मीडिया के मुताबिक, बिजली आपूर्ति बहाल न होने तक प्रदर्शनकारियों ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए प्रदर्शनों के दौरान राजमार्गों को पूरी तरह जाम करने का एलान किया है। इसके अलावा लोग तेजी से बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
सेना पर भी लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन कर रहे लोग पिछले कई महीनों से सेना की मनमानी का भी विराेध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सेना पर बड़े पैमाने पर जमीन कब्जाने और खनिज खदानों को हड़पने का आरोप लगाया है। आर्थिक कॉरिडोर के नाम पर चीन और पाकिस्तान के व्यापारिक घराने इस क्षेत्र के स्थानीय संसाधनों को लूट रहे हैं। द टाइम्स ऑफ इज़राइल के अनुसार, गिलगित बाल्टिस्तान में सेना द्वारा जमीन कब्जाने पर लोग प्रशासन और संघीय सरकार का विरोध कर रहे है।
आर्थिक संकट से गुजर रहे लोग
बता दें कि पाकिस्तान एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहा है, जो आटे की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के कारण उत्पन्न हुआ है। नागरिकों को सब्सिडी वाला गेहूं उपलब्ध कराने वाले सरकारी डिपो पर ताला लगा दिया गया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने कहा कि वे सरकार की नीतिगत विफलताओं के कारण गुजारा करने में असमर्थ थे, जिसके परिणामस्वरूप गेहूं की कीमत में तेज वृद्धि हुई है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, लोग के पास खाना बनाने के लिए आटा नहीं है। एक दिन में गेहूं की कीमत 1,200 रुपये तक बढ़ा दी गई है। आटे के लिए सरकारी डिपो भी बंद कर दिया गया है। वहां आटा नहीं है। पीओके के लगभग हर शहर में लोग विरोध कर रहे हैं, यहां तक कि छात्र, वकील, नागरिक समाज और महिलाएं भी विरोध कर रही हैं।
धन जारी करने की मांग
गिलगित-बाल्टिस्तान वर्तमान में गंभीर वित्तीय संकट में है। संघीय सरकार से धन जारी करने की मांग कर रहा है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान के गवर्नर सैयद मेहदी शाह ने क्षेत्र के वित्तीय संकट पर सरकार से वित्तीय सहायता मांगी। सूत्रों ने डॉन को बताया कि संघीय सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान का वार्षिक वित्तीय विकास अनुदान जारी नहीं किया है] जबकि यह क्षेत्र संघीय सरकार के वित्तीय अनुदान पर निर्भर करता है।