वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब ईरान और पश्चिम देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनातनी चल रही है। साथ ही पश्चिम के देशों का आरोप है कि ईरान रूस को लंबी दूरी वाले ड्रोन अटैक की सप्लाई कर रहा है।
ईरान में हथियारों की फैक्ट्री पर एक बड़े ड्रोन हमले की खबर दुनियाभर में छाई हुई है। यह हमला ईरान को इसफहान शहर में स्थित फैक्ट्री पर हुआ था। अब खबर आ रही है कि इस हमले में इस्राइल का हाथ है। इस्राइली सेना के प्रवक्ता ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है। वहीं वाल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है कि ईरान में हुए हमले के पीछे इस्राइल का हाथ है। पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइजर ने दावा किया है कि ईरान पर हमले में यूएस मिलिट्री शामिल नहीं थी। बाकी उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा।
ईरान ने भी आधिकारिक तौर पर किसी देश का नाम नहीं लिया है और हथियारों की फैक्ट्री पर हुए इस ड्रोन हमले को कायरतापूर्ण और ईरान में असुरक्षा पैदा करने की कोशिश बताया। हालांकि ईरान के एक नेता हुसैन मिर्जाए का दावा है कि इस्राइल इस हमले के पीछे है। यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब ईरान और पश्चिम देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनातनी चल रही है। साथ ही पश्चिम के देशों का आरोप है कि ईरान रूस को लंबी दूरी वाले ड्रोन अटैक की सप्लाई कर रहा है।
हथियारों की फैक्ट्री पर हुए ड्रोन हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है लेकिन अभी हमले में हुए नुकसान का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। ईरान ने ये भी कहा है कि इस तरह के हमले उनके शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम की तरक्की को नहीं रोक सकते। इस्राइल में बेंजामिन नेतान्याहू की सरकार आने के बाद यह ईरान पर इस्राइल का पहला हमला है।
बता दें ईरान में हथियारों की फैक्ट्री पर हमला शनिवार रात को हुआ, जब एक माइक्रो एरियल व्हीकल ने हथियारों की फैक्ट्री पर बम बरसाए। ईरान का दावा है कि एक ड्रोन को मार गिराया गया और एक अन्य ड्रोन को पकड़ लिया गया है। इस हमले में फैक्ट्री की छत को मामूली नुकसान हुआ है। इस हमले में किसी के घायल या मौत की खबर नहीं है।
गौरतलब है कि जिस इसफहान शहर पर यह हमला हुआ है, उस शहर में ईरान के कई परमाणु संयंत्र स्थापित हैं। साथ ही यहां पर यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम भी चल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस्राइल के इस हमले का निशाना ईरान के ये परमाणु संयंत्र हो सकते हैं। बता दें कि ईरान की सेना कह भी चुकी है कि अगर कूटनीतिक तरीके से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक नहीं लगती है तो वह सैन्य तरीके से इसे निशाना बना सकते हैं। हाल के सालों में इस्राइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े लोगों और कई ठिकानों पर हमले किए हैं।