वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग CPEC
प्रोजेक्ट्स के लिए गांव की जमीन का बड़ा हिस्सा सेना को दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए बनाए
जा रहे नई सुरक्षा इकाई सहित कई और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए गांव की जमीन का बड़ा हिस्सा सेना को दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
ठक दास और मकपून दास इलाकों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
स्थानीय लोग पुश्तैनी जमीनों को जबरन छीनने और पाकिस्तानी सेना के साथ काम करने वाले निजी ठेकेदारों को पट्टे पर जमीन देने के लिए पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया है कि निजी ठेकेदारों को दिए गए लाइसेंस रद्द करने की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि उनका क्षेत्र एक विवादित क्षेत्र है और ऐसे में पाकिस्तान सरकार को स्थानीय समुदायों की
सहमति के बिना प्राकृतिक संसाधनों को पट्टे पर देने का कोई अधिकार नहीं है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि पारंपरिक पहाड़ी गांवों के घर, मवेशियों के घर आदि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को आकार देने के लिए पाकिस्तानी
शासन विरोध कर रहे ग्रामीणों को चुप कराने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी सरकार बेरहमी से ग्रामीणों को आतंकित कर रही है।
सेना के विरोध में 200 से अधिक ग्रामीणों को वारंट जारी किया जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस इलाके में अक्सर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। कोई ऐसा महीना नहीं होता जब स्थानीय समुदाय पाकिस्तान सेना और पाकिस्तान सरकार के
खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं करती है। और ऐसा सिर्फ गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्र में नहीं है। गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्र के युवा जो इस्लामाबाद, कराची,
लाहौर आदि शहरों में रहते हैं, वे वहां भी विरोध करते रहे हैं।