वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-टाटा समूह के स्वामित्व वाली पूर्ण सेवा प्रदाता एयरलाइन एयर इंडिया ने नए बदलावों की शुरुआत ऐसे समय में की है जब पायलटों के बीच थकान और बढ़ते हवाई यातायात व उड़ानों के मुद्दे से निपटने के तरीकों के बारे में कुछ हलकों में चिंताएं बढ़ रही हैं।
एयर इंडिया ने अपनी रोस्टरिंग प्रणाली में एक नई बदलाव की शुरुआत की है। यह बदलाव पायलटों की थकान को दूर करने के साथ ही रोस्टर की स्थिरता सुनिश्चित करने और व्यवधानों को कम करने के लिए विभिन्न पहल करने में मदद करेगा।
टाटा समूह के स्वामित्व वाली पूर्ण सेवा प्रदाता एयरलाइन ने यह कदम ऐसे समय में उठाए गए हैं जब पायलटों के बीच थकान और बढ़ते हवाई यातायात व उड़ानों के बीच इस मुद्दे से निपटने के तरीकों के बारे में कुछ हलकों में चिंताएं बढ़ रही हैं। एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कर्मचारियों को अपने साप्ताहिक संदेश में कहा कि एयरलाइन ने कई न, पहलों की शुरुआत की है, जो मुद्रित रोस्टर की स्थिरता बढ़ाने और व्यवधानों को कम करने, स्टैंडबाय ब्लॉक का बेहतर उपयोग करने और कुशल संचार चैनल स्थापित करने का प्रयास करती हैं।
एयरलाइन के संचालन के सभी पहलुओं में पेश किए जा रहे सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लेख करते हुए, विल्सन ने कहा, "हमने कुछ हफ्ते पहले कोरुसन लॉन्च किया था। उसके बाद बोइंग अलर्टनेस मॉडल (बीएएम)3 की शुरुआत की गई, जो हमारे जेप्सेन रोस्टरिंग सिस्टम में थकान को कम करने वाला उपकरण है, जो रोस्टर और पेयरिंग को प्रकाशित करने से रोकेगा।"
एयर इंडिया के सीईओ कर्मियों से बोले- मैं चुनौतियों से अवगत हूं, जल्द उन्हें दूर करूंगा
गुरुवार को जेप्सेन क्रू एंबेसडर सत्र के दौरान, विल्सन ने कहा कि विस्तृत चर्चा के साथ-साथ पेयरिंग/रोस्टरिंग, निष्पक्षता, चालक दल के कल्याण और प्रशासन प्रक्रियाओं से जुड़े सवालों का हल तलाशने की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा, ''मैं उन चुनौतियों से अवगत हूं जिनका आप वर्तमान में सामना कर रहे हैं, लेकिन आपको आश्वस्त करता हूं कि जैसे-जैसे हम 4-5 रोस्टर चक्रों की अवधि से गुजरेंगे, ये स्थिर हो जाएंगी। एयर इंडिया में वर्तमान में करीब करीब 2,100 पायलट हैं।
इसके अलावा, एयर इंडिया दो नए डिजिटल टूल- पायलट सेक्टर रिपोर्ट (पीएसआर) ऐप और डॉक्यूनेट की भी शुरुआत कर रही है। ये उपकरण सुरक्षा, दक्षता और अनुपालन में सुधार करके हमारे उड़ान संचालन और पायलट संतुष्टि में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। पीएसआर ऐप उड़ान के बाद की रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित करता है जबकि डॉक्यूनेट दस्तावेज़ वितरण को सरल बनाता है और अप-टू-डेट और सिंक्रनाइज़ की गई जानकारी सुनिश्चित करता है।
विल्सन ने कहा, "दोनों उपकरण उपयोगकर्ता के अनुकूल हैं और हमारे मौजूदा सिस्टम के साथ मूल रूप से एकीकृत हैं।" इस साल की शुरुआत में एयरलाइन ने सुरक्षा डेटा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन कोरुसन पेश किया था, जो इन-फ्लाइट घटनाओं की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करता है।दपिछले साल जनवरी में टाटा समूह की ओर से अधिग्रहण की गई एयर इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक ने कहा कि 15 सितंबर को 'Vihaan.AI' की पहली वर्षगांठ है।