वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रेगुपति ने राज्यपाल आर एन रवि को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि गुटखा घोटाले से जुड़े मामले में कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता है। इसके पीछे का कारण उनकी सहमति में देरी है।
तमिलनाडु के राज्यपाल हाल ही में राज्य के मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने के बाद से सरकार के निशाने पर हैं। अब एक बार, डीएमके सरकार ने पूर्व अन्नाद्रमुक सरकार में मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और लंबित विधेयकों को मंजूरी देने के लिए कहा है। राज्य सरकार ने राजभवन को पत्र लिखकर कहा है कि पूर्व सरकार के मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और उनकी सहमति के लिए उनके पास 13 विधेयक लंबित हैं। इन विधेयकों को मंजूरी देने में राज्यपाल को देर नहीं करनी चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रेगुपति ने राज्यपाल आर एन रवि को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि गुटखा घोटाले से जुड़े मामले में कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता है। इसके पीछे का कारण उनकी सहमति में देरी है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि इस मामले में पूर्व मंत्रियों सी विजयबास्कर और बीवी रमन्ना के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के लिए सीबीआई के अनुरोध पर राजभवन से कोई जवाब नहीं मिला है।
सीबीआई कर रही है गुटखा कंपनियों से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच
सीबीआई उस घोटाले की जांच कर रही है जिसमें गुटखा कंपनियों द्वारा कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी। आरोपियों में विजयबास्कर और रमन्ना भी शामिल थे। दोनों के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई ने तमिलनाडु से अनुरोध किया था। इसके बाद 12 सितंबर, 2022 को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी के लिए सीबीआई की याचिका राज्यपाल को भेज दी गई थी, लेकिन राज्यपाल आर एन रवि ने इस पर अपनी सहमति नहीं दी है।
भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय ने भी मांगी है जांच की मांग
तमिलनाडु के कानून मंत्री ने कहा कि सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने भी एआईएडीएमके सरकार के पूर्व मंत्री केसी वीरमणि और एमआर विजयभास्कर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी है। डीवीएसी अनुरोध को स्वीकार करते हुए, राज्य मंत्रिमंडल ने 12 सितंबर, 2022 और 15 मई, 2023 को मंजूरी के लिए पत्र भेजा था।
रेगुपति ने अपने पत्र लिखा है कि राज्यपाल रवि ने अभी तक अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े किसी भी मामले में मुकदमा शुरू करने के लिए अभियोजन की मंजूरी नहीं दी है।
13 विधेयक भी लंबित हैं
वहीं, जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मांग के अलावा तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित 13 विधेयक भी राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन में लंबित हैं। इनमें से, दो विधेयक तीन साल से अधिक समय से लंबित हैं। ऐसे में राज्यपाल को इन लंबित विधेयकों और जांच की मंजूरी की मांग करने वाली लंबित फाइलों पर ध्यान देना चाहिए।
सेंधिल बालाजी की बर्खास्तगी के बाद सीएम स्टालिन ने लिखा था पत्र
मंत्री वी सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने बताया था कि पूर्व अन्नाद्रमुक मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राजभवन द्वारा अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है।