वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-इस मूर्तिकला में करीब पांच टन बालू का इस्तेमाल किया गया है। इस मूर्तिकला को पूरा करने में सुदर्शन के सैंड आर्ट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने भी मदद की।
प्रसिद्ध रेत कलाकार (सैंड आर्टिस्ट) सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के शुभ आरंभ पर अपनी कलाकारी दिखाते हुए समुद्र तट पर जगन्नाथ भगवान की भव्य तस्वीरें बनाई है। सुदर्शन ने भगवान जगन्नाथ के साथ भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की छह फीट की रेत की मूर्ति और 250 नारियल के साथ तीन रथ भी बनाए हैं। उन्होंने अपनी इस कला में दसिया बाउरी की कहानी को दर्शाया है।
दसिया बाउरी एक गैर ब्राह्मण महिला थी, जिसे श्री मंदिर में घुसने की इजाजत नहीं थी। लेकिन जब उन्होंने नारियर चढ़ाया तो महाप्रभु ने स्वीकार कर लिया। इस मूर्तिकला में करीब पांच टन बालू का इस्तेमाल किया गया है। इसे पूरा करने में उनके सैंड आर्ट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने भी मदद की।
हर साल सुदर्शन, रथ यात्रा के दौरान अपनी मूर्तिकला का प्रदर्शन करते हैं। इससे पहले भुवनेश्वर के रेत कलाकार एल ईश्वर राव ने विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा से पहले कागज और अन्य सजावटी चीजों का इस्तेमाल कर पवित्र त्रिमूर्ति भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बालभद्र की रेत में इको फ्रेंडली मूर्ति बनाई थी।
ईश्वर राव ने पत्रकार से कहा- 'इस मूर्ति को पूरा करने में मुझे 15 दिन लगा है। देवताओं को बनाने के लिए मैंने नीम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया। इस साल की रथ यात्रा को चिन्हित करने के लिए मैंने कागज का उपयोग कर भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथों का लघु मॉडल तैयार किया।'
रथ यात्रा दुनिया भर में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध हिंदु त्योहारों में से एक है।