वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-भाजपा राज्य अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि ठाकरे को कर्नाटक सरकार के फैसले पर अपना रुख साबित करना होगा। कांग्रेस को वोट देना, पंजे का बटन दबाना कितना खतरनाक होता है, यह भारत और महाराष्ट्र की जनता ने देखा है।
कर्नाटक सरकार के फैसले को लेकर महाराष्ट्र भाजपा नेताओं में नाराजगी है। भाजपा नेताओं ने विरोध जताते हुए कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव कर रही है। उन्होंने मामले में शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख से सफाई मांगी है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने एक दिन पहले समाजशास्त्र की छठवीं से दसवीं कक्षाओं तक की पाठ्य पुस्तकों से केबी हेडगेवार और वीडी सावरकर के पाठों को हटाने का फैसला किया था, जिस पर अब बवाल मचा हुआ है।
ठाकरे से उनकी राय मांगी
नागपुर में उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया। यहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ पाठ्यपुस्तकों से ही सावरकर और हेडगेवार को हटा सकती है, लोगों के दिल और दिमाग से नहीं। विपक्ष महाराष्ट्र में भी कर्नाटक मॉडल को दोहराना चाहता है। उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर उनका क्या रुख है। ठाकरे ने सिर्फ सत्ता के लालच में अपनी विचारधारा से समझौता किया है।
राहुल गांधी के आदेश पर लिया फैसला
भाजपा राज्य अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि ठाकरे को कर्नाटक सरकार के फैसले पर अपना रुख साबित करना होगा। पाठ्यक्रमों में बदलाव और धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने के फैसले पर उन्हें अपना विचार व्यक्त करना चाहिए। कांग्रेस को वोट देना, पंजे का बटन दबाना कितना खतरनाक होता है, यह भारत और महाराष्ट्र की जनता ने देखा है। भारत तोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र में उन्होंने दो-तीन बार वीर सावरकर जी का अपमान किया था। इसी के साथ उन्होंने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम सावरकर का और अपमान करेंगे और उन्होंने किया। राहुल गांधी ने आदेश दिया और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सावरकर और हेडगेवार के इतिहास को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया।
एक दिन पहले लिया था फैसला
कैबिनेट बैठक के बाद एक दिन पहले कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने संवाददाताओं को बताया था कि बैठक में भाजपा के समय लाए गए धर्मांतरण विरोधी कानून पर चर्चा हुई। इसे रद्द करने के लिए सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में बिल लाएगी। इसके अलावा पाटिल ने कहा कि कन्नड और सोशल साइंस की पाठ्य पुस्तकों से हेडगेवार और सावरकार के पाठों को भी हटाया जाएगा।