वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित अन्य नेता उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए अस्पताल आए थे।
पुणे सांसद गिरीश बापट का बुधवार को निधन हो गया। भाजपा नेता बापट को पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सासें लीं। बापट 2019 में पहली बार पुणे से सांसद चुने गए थे।
बापट के करीबियों का कहना है कि वे काफी लंबे समय से बीमार थे। आज शाम 7 बजे उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा। बापट साल 1973 से राजनीति में सक्रिय थे। पुणे में भाजपा की नींव बनाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। इसी के चलते से गिरीश को पुणे की शक्ति भी कहा जाता था।
मिलने आए थे कई नेता
जिस दौरान गिरीश बापट खराब स्वास्थ्य की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए थे, उस समय भाजपा सहित विपक्ष के कई नेता उनका हालचाल पूछने पहुंचे थे। इनमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख शरद पवार सहित अन्य नेता उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए अस्पताल आए थे।
गिरीश बापट का राजनीतिक सफर
भाजपा नेता और पुणे सांसद बापट पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े थे। साल 1980 में वे पुणे शहर के सचिव नियुक्त किए गए थे। 1983 में बापट ने पुणे नगरनिगम का चुनाव जीता। जिसके बाद लगातार में 3 बार पार्षद चुने गए। साल 1986 से 87 तक बापट पुणे नगरनिगम की स्टेंडिंग कमेटी में भी शामिल थे। 1955 में पहली बार बापट महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे। 1997 में उन्हें कृष्ण वैली विकास निगम के निर्देशक के रूप में भी नियुक्त हुए। साल 2019 में वे पुणे लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। इसके अलावा 2014 में फड़नवीस सरकार में वे फूड एवं सिविल सप्लाई मंत्री भी रहे हैं। साथ ही वे संसदीय मामलों के मंत्री के रूप में भी वे काम कर चुके हैं।