वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज: वैश्विक मंच पर दिल्ली को साफ-सुंदर और आधुनिक शहर के तौर पर प्रदर्शित करने की सरकार की योजना है। वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने बजट में पहली बार इसके लिए अलग से 21,000 करोड़ का प्रावधान किया है। इसके सहारे हर स्तर पर सरकार की कोशिश होगी कि दिल्ली का खूबसूरत चेहरा देश-दुनिया के सामने पेश हो।
दिल्ली सरकार जी20 शिखर सम्मेलन को एक अवसर के तौर पर मान रही है। वैश्विक मंच पर दिल्ली को साफ-सुंदर और आधुनिक शहर के तौर पर प्रदर्शित करने की सरकार की योजना है। वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने बजट में पहली बार इसके लिए अलग से 21,000 करोड़ का प्रावधान किया है। इसके सहारे हर स्तर पर सरकार की कोशिश होगी कि दिल्ली का खूबसूरत चेहरा देश-दुनिया के सामने पेश हो।
राजधानी की सड़कों पर चलने के दौरान यूरोप की सड़कों जैसा अहसास होगा। इसके लिए सड़कों के बेहतर बनाने के साथ उसका सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। करीब 1400 किमी लंबी सड़कें व फुटपाथ की मरम्मत होगी। जरूरत होने पर पुनर्निमाण भी किया जाएगा। इसके अलावा सड़कों को पैदल चलने वालों के अनुकूल बनाया जाएगा। सड़कों के साथ कच्चे हिस्सों में हरियाली सुनिश्चित करने से लेकर पूरे सड़क नेटवर्क की मशीन से नियमित सफाई और धुलाई की जाएगी। दिल्ली सरकार वर्तमान में भी परिवहन नेटवर्क के आधुनिकीकरण की दिशा में कार्य कर रही है। इसके तहत मौजूदा सड़क नेटवर्क के अपग्रेडेशन के अलावा 29 नए फ्लाईओवर, अंडरपास व पुलों का निर्माण करा रही है। यूरोप की सड़कों जैसा होगा अहसास
दिल्ली सरकार ने यूरोप की सड़कों की तर्ज पर पीडब्ल्यूडी की आठ किलोमीटर तक की लंबाई वाली 16 अलग-अलग सड़कों के पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण के लिए पायलट परियोजना शुरू की थी। यह प्रोजेक्ट सफल होने पर सरकार ने पीडब्ल्यूडी की सभी सड़कों के पुनर्विकास व सौंदर्यीकरण करने का निर्णय लिया है। यह परियोजना 10 साल में पूरी होगी और इस पर लगभग 19,466 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इस योजना पर 2034 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित होंगे बस पोर्ट
जधानी में अब एयरपोर्ट की तर्ज पर बस पोर्ट विकसित किए जाएंगे। यहां यात्रियों की सहूलियत के लिहाज से सीटें, परिवहन विकल्पों की उपलब्धता, मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन के साथ मेट्रो, रैपिड रेल, ट्रेन और बसों की कनेक्टिविटी मिलेगी। बस पोर्ट में वाणिज्यिक परिसर भी निर्मित किए जाएंगे। इससे यात्रियों को सफर के साथ शॉपिंग का भी मौका मिलेगा।
इसके तहत आनंद विहार और सराय काले खां आईएसबीटी को विश्वस्तरीय मानकों के मुताबिक विकसित किया जाएगा। द्वारका में भी विश्वस्तरीय आईएसबीटी बनेगा। इससे दक्षिण पश्चिम दिल्ली, गुरुग्राम सहित नजफगढ़ और आसपास के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली आबादी के लिए भी बड़ी राहत मिलेगी। परिवहन क्षेत्र के लिए बजट प्रस्ताव में 9,333 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में परिवहन, सड़क और पुल के लिए 9,539 करोड़ रुपये का प्रस्ताव था।
वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्ताव पेश करते हुए बताया कि एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किए जा रहे बस पोर्ट से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी। दिल्ली सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत आनंद विहार और सराय काले खां आईएसबीटी का पुनर्विकास करेगी। बस पोर्ट के विकसित होने से युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
छठी मंजिल पर भी होगी बसों की पार्किंग
हरिनगर और वसंत विहार में दो अनूठे बहुमंजिला बस डिपो का निर्माण किया जाएगा। एनबीसीसी के साथ साझेदारी से विकसित किया जाने वाला यह देश का पहला बहुमंजिला बस डिपो होगा। यहां छठी मंजिल तक बसों की पार्किंग की जा सकेगी। बसों की संख्या बढ़ने के साथ बसों के लिए पार्किंग की भी सुविधा और शानदार वाणिज्यिक परिसर भी बनेंगे। इससे दिल्ली की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
पढ़ेगी दिल्ली...तभी खुशहाल बनेगी
सरकार ने हर इन्सान के लिए शिक्षा को खुशहाली का माध्यम मानते हुए वर्ष 2023-24 के बजट के लिए फिर से खजाना खोल दिया है। सरकार ने बजट में शिक्षा के लिए सर्वाधिक 16,575 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं। बच्चों में कौशल को विकसित करने के लिए 12 नए स्कूल ऑफ एप्लॉयड लर्निंग शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया है।
शिक्ष्ाा के लिए खोल दिया खजाना
सरकार ने हर इंसान के लिए शिक्षा को खुशहाली का माध्यम मानते हुए वर्ष 2023-24 के बजट के लिए फिर से अपना खजाना खोल दिया है। सरकार ने बजट में शिक्षा के लिए सर्वाधिक 16575 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं। यह कुल बजट का करीब 21 फीसदी है।
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में शिक्षा क्षेत्र को 16278 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। सरकार ने बजट में शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए शिक्षकों में नवाचार की भावना को बढ़ाने, एप्लॉयड लर्निंग स्कूल खोलने, खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और बच्चों को विदेशी भाषाएं सिखाने का प्रस्ताव पेश किया है।
वित्तमंत्री कैलाश गहलोत ने बजट में बच्चों में कौशल को विकसित करने के लिए 12 नए स्कूल ऑफ एप्लॉयड लर्निंग शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके लिए देश में पहली बार स्कूल और उद्योग मिलकर काम करेंगे। इन स्कूलों में न केवल पारंपरिक विषय होंगे, बल्कि छात्रों को अपना कौशल विकसित करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए एक पेशेवर औद्योगिक सेटअप भी होगा। ये स्कूल दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होंगे।
इन स्कूलों में कक्षा नौवीं से उच्च गुणवत्ता वाले कौशल विषय भी अनिवार्य रूप से शुरू किए जाएंगे। इसमें प्रत्येक बच्चा कक्षा 9वीं और 10वीं में तीन-तीन कौशल विषय और कक्षा 11वीं और 12वीं में एक-एक कौशल विषय का अध्ययन करेगा। यह स्कूल ज्ञान, कौशल के साथ समग्र शिक्षा का नया मॉडल प्रस्तुत करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और पिछले 8 वर्षों में हमने जो भी वादा किया है, उसे पूरा किया है।
नेहरू प्लेस, नजफगढ़ में बनेंगे आधुनिक बस टर्मिनल
घरेलू बस यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने नेहरु प्लेस और नजफगढ़ में दिल्ली मेट्रो के सहयोग से आधुनिक सुविधाओं से युक्त दो आधुनिक बस टर्मिनल बनाने का निर्णय लिया है। आगामी वर्षों में शेष बस टर्मिनल को भी जल्द आधुनिक शक्ल दी जाएगी। दिल्ली में 9 नए बस डिपो का निर्माण चल रहा है। इसे अगले साल तक पूरा कर लिया जाएगा। इससे दिल्ली में बसों की क्षमता भी बढ़ जाएगी।
अगले साल शुरू होगी मोहल्ला बस योजना
दिल्ली में पहली बार लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने लिए मोहल्ला बस योजना की अगले वित्तीय वर्ष में शुरुआत की जाएगी। इन मार्गों पर केवल 9 मीटर लंबाई की प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। अगले वित्तीय वर्ष में 100 इलेक्ट्रिक मोहल्ला बसें चलने लगेंगी। 3 वर्षों में संख्या बढ़कर 2,180 हो जाएंगी और इससे लास्ट माइल कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।
वैश्विक स्तर की होगी सुरक्षा
महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए को सभी नई बसों में जीपीएस, 3 सीसीटीवी कैमरे और 10 पैनिक बटन लगे होंगे। इनकी निगरानी कश्मीरी गेट स्थित अत्याधुनिक सेंट्रलाइज्ड कमांड और कंट्रोल सेंटर से की जाएगी। सभी बस में मार्शल भी तैनात रहेंगे। दूसरी तरफ साल के अंत तक 57 डिपो का विद्युतीकरण होगा। तीन डिपो में काम पूरा हो गया है, जबकि जून तक 17 में भी इसे पूरा कर लिया जाएगा। साल के अंत तक सभी 57 डिपो में विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
सभी सरकारी अस्पतालों में डबल हो जाएंगे बेड
सरकारी अस्पतालों में उपचार करवाने आ रहे मरीजों का बेड के लिए इंतजार जल्द खत्म होगा। सरकार अस्पतालों में बेड की संख्या 14 हजार से बढ़ाकर 30 हजार करने की दिशा में काम कर रही है। इसके तहत ज्वालापुरी, मादीपुर, शालीमार बाग, हस्तसाल, सिरसपुर, सरिता विहार, रघुवीर नगर, सुल्तानपुरी और किराड़ी में नौ अस्पताल बना रही है। इनमें से चार अस्पताल अगले वित्तीय वर्ष में चालू हो जाएंगे।
साथ ही, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, गुरु तेग बहादुर समेत 15 अस्पतालों के नव-निर्माण और विस्तार का काम भी शुरू हो गया है। इन प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए दिल्ली सरकार ने वर्ष 2023-24 के लिए 9742 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। यह बजट पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 27 करोड़ रुपये कम है। इसमें हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एचआईएमएस) और हेल्थ कार्ड की सुविधा विकसित करने पर भी जोर दिया है। इस सेवा के क्रियान्वयन के बाद मरीज को उपचार के लिए पुराने रिकॉर्ड की जरूरत नहीं होगी। दिल्ली सरकार के पास 515 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक, चार महिला मोहल्ला क्लीनिक, 175 एलोपैथिक डिस्पेंसरी, 60 प्राइमरी अर्बन हेल्थ सेंटर, 30 पॉली क्लीनिक और 39 मल्टी स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हैं। इनमें 14244 बेड उपलब्ध हैं। यहां हर साल चार करोड़ लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं। सरकार जल्द ही मेट्रो स्टेशनों पर मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करेगी।
वहीं, दिल्ली में 100 महिला मोहल्ला क्लीनिक खोलने की योजना है। भारत और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि केवल 37 प्रतिशत महिलाएं ही सामान्य बीमारियों के लिए ओपीडी में जाती हैं। दिल्ली की जरूरत को और समझने के लिए सरकार ने भी एक सर्वे कराया जिसमें पाया गया कि 51% महिलाएं बीमारी के लक्षण होने के बावजूद डॉक्टर के पास नहीं जाती हैं।
सौर ऊर्जा नीति को बढ़ावा देने का लक्ष्य
बिजली पर सब्सिडी इस साल भी जारी रहेगी। 200 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले परिवार को मुफ्त बिजली मिलती रहेगी, वहीं 400 यूनिट से कम खपत करने वालों को आधी दर पर बिजली मिलती रहेगी। दिल्ली सरकार के प्रस्तावित बजट में वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन को यह बात बताई। साथ ही दिल्ली की ड्राफ्ट सौर नीति से अवगत कराया। इस नीति के तहत सरकार की योजना है कि दिल्ली में 25 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति सौर उर्जा से की जाए। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ऊर्जा क्षेत्र के लिए 3348 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पेश किया है।गहलोत ने कहा कि दिल्ली सौर नीति का लक्ष्य 2025 तक दिल्ली की वार्षिक बिजली की मांग का 25 प्रतिशत सौर ऊर्जा के माध्यम से पूरा करना है, जो वर्तमान में 9 प्रतिशत है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2025 तक 6000 मेगावाट की क्षमता का सोलर इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा। इसमें 750 मेगावाट का ‘रूफ टॉप सोलर’ शामिल होगा। सौर ऊर्जा नीति का लक्ष्य दिल्ली में हरित रोजगार के लगभग 12 हजार अवसर सृजित करना है। जनता के सुझावों के आधार पर दिल्ली सरकार अप्रैल 2023 तक नई नीति को अधिसूचित करेगी।
सदन को यह भी प्रस्तावित बजट के माध्यम से बताया गया कि 2022-23 में दिल्ली के 58 लाख 50 हजार घरेलू उपभोक्ताओं में से करीब 84 फीसदी ने बिजली सब्सिडी योजना का लाभ उठाया है। दिल्ली ने 29 जून 2022 को शून्य लोड शेडिंग के साथ 7695 मेगावाट की अपनी पीक बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया। पिछले 8 साल में बिजली के रेट भी नहीं बढ़े।
दिल्ली ट्रांसको इस साल 900 ईवी चार्जिंग पॉइंट लगाएगा
दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) ने वर्ष 2022-23 में ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए भारत का सबसे बड़ा और पहला पीपीपी मॉडल के आधार पर टेंडर किया। इसमें 900 ईवी चार्जिंग पॉइंट और 103 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन वाले 100 ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। मेट्रो स्टेशनों और बस डिपो समेत प्रमुख स्थानों पर स्थापित करने की योजना को पूरा किया जाएगा। 100 ईवी चार्जिंग स्टेशनों में से 11 खुल चुके हैं। इस महीने 30 चार्जिंग स्टेशनों को शुरू करने का लक्ष्य है, बाकी वित्तीय वर्ष 2023-24 में शुरू किए जाएंगे।
सरकार की ईवी नीति से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की रनिंग कॉस्ट मात्र 7 पैसे प्रति किलोमीटर हो जाएगी, जबकि पेट्रोल स्कूटर के लिए यह 1.75 रुपये प्रति किमी है। इलेक्ट्रिक थ्रीव्हीलर के लिए यह 8 पैसे प्रति किमी है, जबकि सीएनजी थ्रीव्हीलर पर यह 2 रुपये 62 पैसे प्रति किलोमीटर है। चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की रनिंग कॉस्ट सिर्फ 33 पैसे प्रति किलोमीटर है और पेट्रोल से चारपहिया वाहन चलाने पर प्रति किलोमीटर लगभग 7 रुपये खर्च होते हैं।
मुफ्त सुविधाएं जारी रहेंगी : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट की खूबियां गिनाते हुए कहा कि हम सभी को मिलकर आधुनिक दिल्ली बनानी है। मनीष सिसोदिया की गैर मौजूदगी में गहलोत ने शानदार बजट पेश किया है। इसमें हर तबके लिए कुछ न कुछ है। सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 21 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी, ताकि बाहर से आने वाले लोगों को लगे कि वह महान देश की राजधानी में आए हैं।
उन्होंने कहा कि कई मुफ्त सुविधाएं देने के बाद भी दिल्ली का बजट फायदे का है, जबकि दूसरे राज्य कुछ मुफ्त भी नहीं देते हैं, फिर भी घाटे में रहते हैं। इन मुफ्त सुविधाओं की वजह से पूरे देश में सबसे कम महंगाई दिल्ली में है। सारी मुफ्त सुविधाएं जारी रहेंगी।
पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनेगी दिल्ली सरकार
ल्ली सरकार ने पानी के मामले में पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहने के बजाए स्वयं का आत्मनिर्भर बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा वह प्रत्येक घर में पेयजल आपूर्ति पहुुंचाने पर जोर देगी। वह कच्चे पानी की व्यवस्था करने के साथ-साथ भूजल के स्तर में सुधार करने वाली योजनाओं को अमलीजामा पहनाएगी। वहीं पेयजल आपूर्ति बढ़ाने के लिए मार्च 2025 तक पानी की वर्तमान उपलब्धता 995 एमजीडी से बढ़ाकर लगभग 1240 एमजीडी करेगी।
दिल्ली सरकार पानी की आपूर्ति बढ़ाने के मिशन के तहत दो स्तरों पर काम कर रही है। एक ओर वह भूजल का स्तर बढ़ाने, वहीं दूसरी ओर बारिश रे मौसम में सड़कों पर बहने वाले पानी का संचयन करने पर जोर दे रही है। उसकी यमुना में उपलब्ध अतिरिक्त पानी को जमीन के नीचे संरक्षित करना भी सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
वर्ष 2019 में पल्ला में शुरू की गई बाढ़ जल संचयन की प्रायोगिक परियोजना प्रति वर्ष 800-1000 एमजी तक भूजल का पुनर्भरण कर रही है। इससे संबंधित क्षेत्रों के भूजल स्तर में करीब दो मीटर की वृद्धि हुई है। यमुना में बारिश के दौरान अतिरिक्त पानी को रिचार्ज करने के अलावा पूरी दिल्ली में बड़े पैमाने पर जल पुनर्भरण परियोजनाएं चल रही हैं। अगले वित्तीय वर्ष में विभिन्न झीलों और अन्य स्रोतों से रोजाना 100 एमजीडी पानी रिचार्ज किया जाएगा।