वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-सरकार के वकील ने बताया कि मामले में काउंसलर एक्सेस की कोशिशें की जा रही हैं। साथ ही कोर्ट के फैसले की कॉपी भी देने की मांग की गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को विदेश मंत्रालय को नोटिस भेजा है। यह नोटिस एक पिता की याचिका पर भेजा गया है, जिसका बेटा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेल में बंद है। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने विदेश मंत्रालय को नोटिस भेजकर याचिकाकर्ता के बेटे के बारे में सारी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने यूएई में भारतीय दूतावास को कहा है कि वह स्थानीय अधिकारियों से समन्वय करके याचिकाकर्ता के बेटे के खिलाफ दर्ज मामले से संबंधित सारी जानकारी जुटाएं।
क्या है मामला
बता दें कि जाकिर हुसैन नामक याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में बताया गया है कि उनका बेटा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और 20-21 जुलाई 2019 की रात से यूएई से गायब है। जांच के दौरान पता चला कि गायब युवक यूएई की जेल में बंद है। याचिका में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों की काफी कोशिशों के बाद भी यह पता नहीं चल पाया है कि उनका बेटा किस जुर्म में जेल में बंद है। केंद्र सरकार के वकील ने बताया कि पीड़ित युवक को यूएई की फेडरल कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है।
सरकार के वकील ने बताया कि मामले में काउंसलर एक्सेस की कोशिशें की जा रही हैं। साथ ही कोर्ट के फैसले की कॉपी भी देने की मांग की गई है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि अभी तक काउंसलर एक्सेस क्यों नहीं मिला? वकील ने बताया कि भारतीय दूतावास के अधिकारियों की तीन बार याचिकाकर्ता के बेटे से जेल में मुलाकात हुई है और दूतावास के अधिकारी लगातार यूएई के अधिकारियों के संपर्क में है।
वहीं याचिकाकर्ता के वकील शाहरुख आलम ने कोर्ट को बताया कि भारत और यूएई के बीच सजा पाए अपराधियों को प्रत्यारोपित करने की भी संधि है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्हें नहीं पता कि उनका बेटा किस जुर्म में जेल में बंद है लेकिन अगर उसकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है तो उसे छुड़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए और अगर उसने कोई अपराध किया है तो उसे संधि के तहत भारत प्रत्यारोपित करने की कार्रवाई की जानी चाहिए।