Thursday July 17, 2025
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  • वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:- जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट हो सकता है लोकसभा में पेश शीत कालीन सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट 2004 और जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 को आज लोकसभा में पेश कर सकते हैं। रिजर्वेशन एक्ट से राज्य सरकार की नौकरियों, कॉलेज एडमिशन में आरक्षण व्यवस्था लागू हो सकेगी। वहीं जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट 2019 की मदद से जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पुनर्गठन किया जाएगा। इसकी मदद से जम्मू कश्मीर में विधानसभा सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी। साथ ही सात सीटें अनुसूचित जाति और 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए भी आरक्षित की जाएंगी।
  • Parliament Winter Session Live: संसद की कार्यवाही शुरू हुई, आज पेश हो सकती है आचार समिति की रिपोर्ट Parliament Winter Session 2023 Live News in Hindi: संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ संसद की आचार समिति की रिपोर्ट आज संसद में पेश की जा सकती है। विपक्षी सांसदों की मांग है कि इस रिपोर्ट पर कोई भी फैसला लेने से पहले इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आचार समिति की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
  • इंदौर हादसा: मंदिर में फंसे 15 लोगों को अब तक किया जा चुका रेस्क्यू
  • इंदौर हादसा: CM शिवराज बोले- 10 लोगों को बचाया जा चुका, 9 अब भी फंसे हुए
  • यूपी: उमेश पाल हत्याकांड के बाद बीजेपी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह की सुरक्षा बढ़ाई गई
  • इंदौर: बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी के ऊपर की छत गिरी, कई फुट गहराई में फंसे लोग
  • इंदौर में रामनवमी पर बड़ा हादसा, मंदिर की छत धंसी, कुएं में गिरे लोग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
  • पश्चिम गोदावरी: रामनवमी के लिए बनाए गए पंडाल में शार्ट सर्किट से लगी आग
  • दिल्ली: शोभा यात्रा को लेकर पुलिस अलर्ट, जगह-जगह लगाया बैरिकेड
  • लंदन, सैन फ्रांसिस्को, कनाडा में भारतीय दूतावासों के बाहर हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर होगा एक्शन
  • नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से 24 घंटे में 3016 लोग पॉजिटिव, संक्रमण दर 2.73% पहुंची
  • संभाजीनगर में डुप्लीकेट शिवसेना की वजह से तनाव की स्थिति: संजय राउत
  • पंजाब: अमृतपाल की धरपकड़ के लिए जालंधर और कपूरथला में हाई अलर्ट
  • दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ फिर लगे पोस्टर्स, अब शिक्षा को लेकर घेरा गया
  • J-K: कठुआ में सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को खेतों में मिला जिंदा ग्रेनेड

देश News

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भूकंप ने पिघलाई तुर्किये-अर्मेनिया के बीच जमी बर्फ, 30 साल बाद खोली गईं दोनों देशों की सीमाएं

वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-अर्मेनियाई और तुर्की अजरबैजान के बीच जातीय संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच सीमाएं 1993 से बंद हैं। अर्मेनिया के लोगों का कहना है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ओटोमन साम्राज्य में बड़ी संख्या में लोगों की हत्याएं हुई थीं।

तुर्किये इन दिनों विनाशकारी भूकंप के बाद फैली तबाही से गुजर रहा है। बीते सोमवार को यहां आया भूकंप अब तक 28 हजार से ज्यादा जानें ले चुका है। शहर के शहर तबाह हो गए हैं और अब तक राहत व बचाव कार्य जारी है। इस भूकंप ने तुर्किये के साथ कई देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ को भी पिघलाने का काम किया है। कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने तुर्किये के साथ अच्छे संबंध न होने के बावजूद मानवीय सहायता के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। 

अर्मेनिया भी ऐसे ही देशों मे से एक है। बीते शनिवार को अर्मेनिया और तुर्किये के बीच सीमा द्वार को करीब 30 साल बाद खोला गया और मानवीय सहायता लेकर अर्मेनिया के ट्रक भूकं प्रभावित देश के लिएरवाना हुए। तुर्किये की समाचार एजेंसी अनादोलु की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दशकों में ऐसा पहली बार है, जब दोनों देशों ने अपनी सीमाओं को खोला है। 

100 टन भोजन व राहत सामग्री लेकर पहुंचे ट्रक 

तुर्किये के विशेष दूत सेरदार किलिक ने ट्वीट कर बताया, 100 टन भोजन, पानी समेत मानवीय सहायता लेकर पांच ट्रक अलीकन सीमा से तुर्किये पहुंचे हैं। इस बीच, अर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष रुबेन रुबिनियन ने भी कहा, मानवीय सहायता वाले ट्रक अर्मेनियाई-तुर्किये सीमा पार कर गए और भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लिए अपने रास्ते पर हैं। 

तुर्किये-अर्मेनिया के बीच दशकों से तनावपूर्ण हैं रिश्ते 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अर्मेनियाई और तुर्की अजरबैजान के बीच जातीय संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच सीमाएं 1993 से बंद हैं। कहा गया है कि 1990 के दशक के बाद से, दोनों देशों के बीच संबंध खराब हैं। अर्मेनिया के लोगों का कहना है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ओटोमन साम्राज्य में बड़ी संख्या में लोगों की हत्याएं हुई थीं। अर्मेनिया इसे नरसंहार मानता है। कहा जाता है कि इस दौरान करीब तीन लाख अर्मेनियाई लोगों का कत्ल कर दिया गया था।