वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-भाजपा सूत्रों के अनुसार कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी पटेल चौक से बैठक स्थल एनडीएमसी कन्वेंसन सेंटर के बीच भव्य रोड शो करेंगे। एक किमी के रोड शो के दौरान विभिन्न राज्यों के कलाकार उनका स्वागत करेंगे। सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और उससे पहले इसी साल सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे दस राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कमर कसना शुरू कर दिया है। सोमवार से शुरू हो रही पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मिशन 2024 और विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक में पीएम मोदी, 35 केंद्रीय मंत्री, 12 राज्यों के मुख्यमंत्री, 37 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के अध्यक्ष हिस्सा लेंगे। पार्टी महासचिव विनोद तावड़े के मुताबिक दोपहर बाद चार बजे से शुरू हो रही बैठक से पहले राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें कार्यकारिणी में पेश किए जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा होगी। बैठक की शुरुआत पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अध्यक्षीय भाषण तो समापन पीएम मोदी के संबोधन से होगा। ब्यूरो
बैठक से पहले पीएम मोदी का भव्य रोड शो
भाजपा सूत्रों के अनुसार कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी पटेल चौक से बैठक स्थल एनडीएमसी कन्वेंसन सेंटर के बीच भव्य रोड शो करेंगे। एक किमी के रोड शो के दौरान विभिन्न राज्यों के कलाकार उनका स्वागत करेंगे। सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।
नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने के लिए आएगा प्रस्ताव
बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। उनका कार्यकाल इसी महीने समाप्त हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि उन्हें एक साल का विस्तार मिलेगा, जिसे संभवत: अगले साल लोकसभा चुनाव तक बढ़ा दिया जाएगा।
विधानसभा और लोकसभा के लिए अलग-अलग चर्चा
पार्टी सूत्रों के अनुसार विधानसभा और लोकसभा चुनाव की ब्यूहरचना पर अलग-अलग चर्चा होगी। इस साल त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से ज्यादातर राज्यों में भाजपा या फिर उसके सहयोगी
दलों की सरकार है। बैठक में इन राज्यों में सत्ता बचाने और राजस्थान, छत्तीसगढ़ में सत्ता में वापसी पर गंभीर विमर्श होगा। खासतौर से छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव को केंद्र की सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है।