वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-पुडुचेरी के मनकुला विनायगर मंदिर की मशहूर हथिनी लक्ष्मी की मौत हो गई. बुधवार को सुबह लक्ष्मी टहलने निकली थी, इसी दौरान वह अचानक बेहोश हो गई थी. इसके बाद उसकी मौत हो गई. लक्ष्मी की मौत के बाद उसके चाहने वाले शोक में डूब गए. सैकड़ों स्थानीय लोगों ने भारी मन और आंखों में आंसुओं के साथ श्री मनाकुला विनायगर मंदिर की सबसे प्रिय हथिनी लक्ष्मी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. ANI के अनुसार लक्ष्मी 1997 में पांच साल की उम्र में पुडुचेरी के मनकुला विनायगर मंदिर में आई थी.
मनकुला विनायगर मंदिर में उसे आने वालों भक्तों से खूब प्यार मिलता रहा है. लक्ष्मी का स्वभाव काफी शांत था इसके कारण भक्त उसकी ओर खिंचे चले आते थे. कल जब लक्ष्मी को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई तो उस समय उसकी देखभाल करने वाले पशु चिकित्सक भी वहां मौजूद थे. उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि अचानक दिल का दौरा पड़ने से पहले लक्ष्मी स्वस्थ थी. उन्होंने बताया कि उसकी मौत पब्लिक सेकेंडरी स्कूल कल्वे कॉलेज के पास सड़क पर गिरकर हो गई. हथिनी की मौत की खबर सोशल मीडिया पर फैलते ही केंद्र शासित प्रदेश के सभी क्षेत्रों से लोगों ने उसे श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा कई लोगों ने लक्ष्मी के पार्थिव शरीर पर माला और फूलों की पंखुड़ियों चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी. फिलहाल लक्ष्मी को अचानक दिल का दौरा पड़ने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है. उधर ट्विटर यूजर्स ने उसकी सेहत और इलाज पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. कई लोगों ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिनों से उसका इलाज एक नियमित पशु चिकित्सक के बजाय पेटा पशु चिकित्सक द्वारा किया जा रहा था. आरोप यह भी है कि लक्ष्मी को अज्ञात इंजेक्शन लगाया गया. कई लोगों ने यह भी बताया कि तथाकथित पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के दबाव के कारण लक्ष्मी को सीमित रखा गया था और उसे नियमित सैर और अन्य आवश्यक शारीरिक व्यायाम की अनुमति नहीं थी. लोगों का आरोप है कि इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई.