वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-जेवर एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण में नियम है कि अगर किसी की जमीन जाती है तो उस परिवार के एक सदस्य को परियोजना में नौकरी मिलेगी। अगर वह नौकरी नहीं चाहते हैं तो सरकार की ओर से 5.5 लाख रुपये मिलेंगे।
जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) परियोजना में परिवार के एक सदस्य को नौकरी या 5.5 लाख रुपये के लालच में 20 से 50 वर्ग मीटर जमीन खरीदकर रजिस्ट्री कराने वालों पर कार्रवाई करने की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे लोगों की संख्या दो हजार से अधिक बताई जा रही है। यह मामला मुख्यमंत्री के पास पहुंचने के बाद शासन स्तर से एक-दो दिन में इसकी जांच के लिए कमेटी गठित होने की उम्मीद है। जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 1185 हेक्टेयर जमीन नोटिफिकेशन जारी हुआ था। बाकी जमीन सरकारी है। दूसरे चरण में गांव करौली बांगर की 159 हेक्टेयर, दयानतपुर की 145, कुरैब की 326, रन्हेरा की 458, मुंढहर की 46 और बीरमपुर की 49 हेक्टेयर जमीन ली जानी है। यह जमीन 1987 गाटा में है। इसके अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
यह है नियम : जेवर एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण में नियम है कि अगर किसी की जमीन जाती है तो उस परिवार के एक सदस्य को परियोजना में नौकरी मिलेगी। अगर वह नौकरी नहीं चाहते हैं तो सरकार की ओर से 5.5 लाख रुपये मिलेंगे। यह लाभ लेने के लिए एक गैंग सक्रिय हो गया। लोगों को थोड़े से निवेश में लखपति बनने का सब्जबाग दिखाया गया।
सरकार को होगा नुकसान : बताया जाता है कि गिरोह ने 20 से 50 मीटर जमीन की रजिस्ट्री अपने लोगों के नाम करा दी। 2000 से अधिक ऐसी रजिस्ट्री की बात सामने आई है। 20 मीटर कृषि जमीन खरीदने से खरीदार की मंशा का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। ये रजिस्ट्री अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद हुई हैं। अगर यह गैंग अपने मंसूबों पर सफल हो गया तो सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा।
इसलिए नहीं लग सकती रोक : रजिस्ट्री रोकने का कोई नियम नहीं है। अधिग्रहण में जब तक धारा-11 की कार्रवाई नहीं शुरू होती तब तक रजिस्ट्री होती रहती है। इसके चलते गैंग के लोग छोटी-छोटी जमीन खरीदकर रजिस्ट्री करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री से शिकायत
20 से 50 मीटर जमीन खरीद कर परियोजना में लाभ लेने वालों की मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। शासन स्तर पर इस मामले की जांच की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए अलग से कमेटी बनाई जा सकती है। अब जांच के बाद ऐसे लोगों पर शिकंजा कसेगा। गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट परियोजना क्षेत्र में 20-50 मीटर जमीन खरीद कर रजिस्ट्री कराने वालों का मामला संज्ञान में है। ऐसे लोगों को नौकरी या 5.5 लाख रुपये का लाभ नहीं दिया जाएगा। ऐसे लोगों को सिर्फ मुआवजा राशि ही मिलेगी। अगर किसी व्यक्ति को कोई उकसाता है तो वह उसकी शिकायत कर सकते हैं। लोग किसी के झांसे में न आएं।