वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट के एक सरगना ने इस साल अप्रैल से जून के बीच तुर्की में प्रवास के दौरान एक विदेशी नागरिक को आत्मघाती हमलावर के तौर पर संगठन में भर्ती किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और घरेलू आंतरिक सुरक्षा व काउंटर-खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीमों रूस का दौरा कर सकती हैं। ये टीमें रूस में गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आत्मघाती हमलावर से पूछताछ के लिए मास्को जा सकती हैं। रूस ने भारतीय नेतृत्व के किसी बड़े नेता पर आत्मघाती हमला करने की साजिश रचने के लिए इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के एक आतंकवादी को पकड़ा है। रूस की शीर्ष खुफिया एजेंसी ने सोमवार को बताया कि यह व्यक्ति एक मध्य एशियाई देश का रहने वाला है और उसने आत्मघाती हमला करने के लिए प्रशिक्षण लिया था इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि एनआईए और आईबी की टीमें रूस की खुफिया एजेंसी, फेडरल सिक्योरिटी सर्विस के साथ बैठक करेंगी। भारतीय एजेंसियां पकड़े गए आईएसआईएस आतंकवादी के बारे में रूसी खुफिया एजेंसी से उसके भारत लिंक का पता लगाने के लिए सभी जानकारी हासिल करेंगी। इससे पहले सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने खबर दी है कि रूस की खुफिया एजेंसी ‘संघीय सुरक्षा सेवा’ (एफएसबी) के मुताबिक, प्रतिबंधित इस्लामिक स्टेट के एक सरगना ने इस साल अप्रैल से जून के बीच तुर्की में प्रवास के दौरान एक विदेशी नागरिक को आत्मघाती हमलावर के तौर पर संगठन में भर्ती किया था। एफएसबी ने कहा, “संघीय सुरक्षा सेवा ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ के सदस्य की रूस में पहचान की और उसे पकड़ लिया। हिरासत में लिया गया शख्स मध्य एशिया के एक देश का नागरिक है और उसने भारत के सत्तारूढ़ दल के शीर्ष नेतृत्व में शामिल एक सदस्य पर आत्मघाती हमला करने की योजना बनाई थी।” एफएसबी के ‘सेंटर फॉर पब्लिक रिलेशन्स’ (सीपीआर) ने बताया कि सोशल मीडिया मंच ‘टेलीग्राम’ और इस्तांबुल में आईएसआईएस के एक प्रतिनिधि के साथ व्यक्तिगत मुलाकात के दौरान उसके दिमाग में संगठन की विचारधारा को भरा गया। बर के मुताबिक, एफएसबी ने उल्लेख किया कि आतंकवादी ने आईएसआईएस के ‘अमीर’ (प्रमुख) के प्रति निष्ठा की शपथ ली, जिसके बाद उसे रूस जाने और जरूरी दस्तावेज़ हासिल करने के लिए निर्देशित किया गया, ताकि वह भारत जा सके और इस आतंकवादी कृत्य को अंजाम दे सके। रूस की खुफिया एजेंसी ने आतंकवादी की पहचान उजागर नहीं की। उसने स्वीकार किया है कि वह पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए भारत के सत्तारूढ़ दल के एक सदस्य के खिलाफ आतंकवादी कृत्य को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था।