वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-सऊदी अरब, कुवैत सहित अन्य खाड़ी दशों में नौकरी के लिए जाने वाले युवाओं की राह में पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) बड़ा रोड़ बन गया। बनारस के पासपोर्ट कार्यालय में 20 हजार से अधिक आवेदन अटके हैं।
वाराणसी। सऊदी अरब, कुवैत सहित अन्य खाड़ी दशों में नौकरी के लिए जाने वाले युवाओं की राह में पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) बड़ा रोड़ बन गया है। बनारस के पासपोर्ट कार्यालय में 20 हजार से अधिक लोगों के आवेदन सिर्फ पीसीसी न मिलने के कारण अटके पड़े हैं। वहां ढाई से तीन महीने की वेटिंग चल रही है। पूर्वांचल के ऐसे भी लोग हैं जिनके पास वीजा है मगर पीसीसी न होने के कारण वे विदेश नहीं जा पा रहे हैं। खाड़ी देशों में बनारस सहित पूर्वांचल के लोग ज्यादा रहते हैं। सऊदी व कुवैत समेत खाड़ी के कई देशों ने अपने यहां नौकरी के लिए पीसीसी अनिवार्य कर दिया है। इसलिए पीसीसी बनवाने के लिए मारामारी है। बनारस पासपोर्ट कार्यालय में 100 पीसीसी की क्षमता बढ़ाकर 200 की जा चुकी है। बावजूद इसके आवेदकों को नवंबर की डेट मिल रही है। पासपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि बनारस ही नहीं, सभी जगह ऐसी परेशानी है।
अपराध मुक्ति के लिए लागू किया नियम
सऊदी एंबेसी स्कूल के शिक्षक मो. अरशद खान ने बताया कि सऊदी अरब और कुवैत ने अपने को अपराध मुक्त बनाए रखने के लिए भारत समेत विश्व के सभी देशों के लिए पीसीसी अनिवार्य कर दिया है। इससे सबसे ज्यादा श्रमिक वर्ग परेशान है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस प्रक्रिया में कुछ बदलाव करना चाहिए।
ऐसे लोग हो रहे हैं परेशान
केस : 1
28 सितंबर तक पहुंचना है सऊदी
गाजीपुर के मो. सकलैन को सऊदी की कंपनी का वीजा मिला है। बोले, 28 सितंबर तक मुझे पहुंचना है लेकिन पीसीसी का एप्वाइंटमेंट नवंबर में मिला है। मैंने कई बार प्रयास किया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
केस : 2
नवंबर में मिला एप्वाइंटमेंट
बजरडीहा के मो. अनवर को भी सऊदी अरब जाना है। पीसीसी के लिए उन्हें नवंबर में एप्वाइंटमेंट मिला है। बताया कि मैं लखनऊ के रीजनल पासपोर्ट कार्यालय भी गया लेकिन समाधान नहीं मिला।