वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-
प्रयागराज- लंबे समय से प्रयागराज और आसपास के जिले में अवैध असलहा की तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हो गया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना मुकुंदपुर मेजा निवासी नीरज मिश्रा, दोहरिया मेजा के सत्य प्रकाश यादव और उसके साथी हरसड़, हलिया मीरजापुर निवासी सुनील दुबे को गिरफ्तार किया है।
इनके कब्जे से 10 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, चार तमंचा, आठ खाली मैगजीन और नकदी बरामद किया गया है। इसी मामले में खुद को वकील बताने वाले खानपुर मेजा निवासी विपिन दुबे फरार है। उसकी तलाश में पुलिस टीम लगी हुई है।
यह है पूरा मामला-
डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव और एसीपी करछना वरुण कुमार ने सोमवार दोपहर गिरफ्तार अभियुक्तों को पुलिस लाइन सभागार में मीडिया के सामने पेश किया। बताया कि कुछ दिन पहले अवैध असलहा की सप्लाई करने वाले एक गिरोह के बारे में पता चला था।
तब इंस्पेक्टर नैनी वैभव सिंह, एसएसआई अरविंद कुशवाहा, एसओजी यमुनापार प्रभारी नवीन कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी प्रमोद यादव सहित अन्य की टीम को गिरफ्तारी के लिए लगाया गया।
पुलिस टीम ने सूचना संकलित करते हुए तस्करों को ट्रेस किया और फिर सोमवार को घेरेबंदी करके तीन युवकों को दबोच लिया। अभियुक्तों से पूछताछ पर पता चला कि खुद को वकील बताने वाले विपिन दुबे से अवैध असलहा लेकर बेचते थे और फिर पैसा उसी को पहुंचाते थे।
अलग-अलग समय पर कई जिलों में सप्लाई कर चुके हैं। एक पिस्टल पर चार हजार और एक तमंचा पर एक हजार रुपये का कमीशन मिलता था।
डीसीपी का कहना है कि विपिन दुबे मीरजापुर और मध्य प्रदेश के खंडवा से अवैध असलहा मंगवाकर बिकवाता था। वह एक पिस्टल 20 से 22 हजार रुपये में खरीदकर 28 से 30 हजार में बिकवाता था।
बीसीए का छात्र है सुनील-
पुलिस का कहना है कि अभियुक्त सुनील दुबे कुलभास्कर आश्रम डिग्री कॉलेज से बीसीए का छात्र है। वह किराए का कमरा लेकर शहर में रहता था। इस आधार पर माना गया है कि अवैध असलहे की सप्लाई आपराधिक प्रवृत्ति के छात्र नेताओं को भी की गई होगी।
नीरज पर हत्या समेत 14 मुकदमे-
गिरफ्तार आरोपी नीरज मिश्रा के खिलाफ हत्या समेत 14 मुकदमे हैं। मेजा से हत्या के मामले में जेल गया था और जमानत पर छूटने के बाद असलहे की सप्लाई करने लगा था। वह वाहन चलाने का काम पहले करता था। उस पर प्रतापगढ़, भदोही और प्रयागराज में केस हैं।
पांच सदस्यीय एसआईटी गठित-
डीसीपी यमुनानगर ने बताया कि अभियुक्तों के मोबाइल से तमाम नंबर और वाट्सएप पर चैट मिली है। शुरुआती छानबीन में पता चला है कि असलहा तस्करों का गिरोह इंटर स्टेट है, जिसमें कई शख्स शामिल हैं।
ऐसे में सभी के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने के लिए पांच सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) बनाई गई है। इसमें एक इंस्पेक्टर, एक दारोगा और तीन सिपाही शामिल हैं।