वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-बरेली में एक पिता ने 40 लाख के प्लॉट के लिए बेटे की हत्या करा दी। तीन लाख रुपये की सुपारी देकर बेटे की हत्या कराने का आरोपी अशर्फीलाल जेल जाते वक्त पछता रहा था। उसने बताया कि अगर वह बेटे को नहीं मरवाता तो बेटा हरपाल उसकी हत्या करा देता।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से सनसनीखेज खबर सामने आई है। पुलिस ने रिश्तों को कलंकित करने वाली एक वारदात का खुलासा किया है। देवरनियां थाना इलाके में 40 लाख के एक प्लॉट की खातिर पिता ने तीन लाख रुपये की सुपारी देकर अपने बेटे की हत्या करवा दी। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है और चार सुपारी किलर की तलाश की जा रही है।
देवरनियां में 15 जुलाई को हलवाई का काम करने वाले नवाबगंज के गांव विजौरिया निवासी अशर्फीलाल के पुत्र हरपाल का शव गांव भोपतपुर बस अड्डे पर सड़क किनारे मिला था। उस समय पुलिस ने घटना को हादसा मानकर पोस्टमार्टम कराया था।
हालांकि हरपाल की पत्नी गीता देवी घटना वाले दिन से ही हत्या का शक जता रही थीं, लेकिन पुलिस ने हादसे का मुकदमा दर्ज कर लिया था। इस बीच पुलिस को कुछ सुराग मिला और 30 जुलाई को गीता देवी की तहरीर पर मुकदमा हत्या की धाराओं में बदल दिया गया।
पुलिस की जांच में अशर्फीलाल की ओर से तीन लाख रुपये की सुपारी देकर अपने ही बेटे की हत्या कराने और उसे हादसे का रूप देने की बात सामने आई। पुलिस ने हत्यारोपी पिता को गिरफ्तार करने के बाद शनिवार को इसका खुलासा कर दिया।
एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर सटीक खुलासा किया गया है। सुपारी लेकर घटना को अंजाम देने वाले चारों आरोपी भानु व गजेंद्र पुत्रगण खूबकरन निवासी नवाबगंज, महेंद्र निवासी गांव हरहरपुर और श्यामाचरण (आरोपी अशर्फीलाल का भाई) अभी फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
हत्यारोपी पिता बोला- मैं न मरवाता तो मुझे मरवा देता बेटा
तीन लाख रुपये की सुपारी देकर बेटे की हत्या कराने का आरोपी अशर्फीलाल जेल जाते वक्त पछता रहा था। उसने बताया कि अगर वह बेटे को नहीं मरवाता तो बेटा हरपाल उसकी हत्या करा देता।
40 लाख का प्लॉट बेचने के लिए दोनों में मची थी होड़
पुलिस की सख्ती पर टूटे अशर्फीलाल ने बताया कि उसके नाम एक प्लॉट है, जिसकी कीमत 40 लाख रुपये है। इसे पिता-पुत्र दोनों बेचना चाहते थे। दोनों को ही अपनी हत्या का अंदेशा था। दोनों ही एक-दूसरे के दुश्मन बने हुए थे। जब अशर्फीलाल को लगा कि हरपाल उसे मार सकता है तो उसने हरपाल की हत्या करने के लिए भानू, गजेंद्र, महेंद्र और श्यामाचरण से बात की।
चारों को तीन लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी थी। इन चारों ने ईंट से कुचलकर हरपाल की हत्या कर दी। इसके बाद उसे हादसे का रूप देने के लिए हरपाल की बाइक को ट्रैक्टर से कुचल दिया। वह लोग इस भरोसे में थे कि पुलिस इसे हादसा ही मानेगी पर फंस गए।
गीता ने पति के हत्यारों को लाया सामने
पुलिस हरपाल की मौत को हादसा मान रही थी। इस बीच मृतक की गर्भवती पत्नी गीता देवी ने तहरीर देकर हत्या का आरोप लगाया। वह पहले नवाबगंज थाने गईं तो उन्हें देवरनिया थाने भेज दिया गया। गीता देवी ने आरोप लगाया कि भानू अपने साथ हरपाल को ले गया था।
उसकी फोन पर हरपाल से बात हुई तो उसने वापस आने की बात कही थी, लेकिन घर नहीं आए। अगले दिन उनका शव मिला था। गीता देवी की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करने के बाद देवरनिया पुलिस इसके खुलासे के लिए लगी थी।