वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साउथ अफ्रीका के केपटाउन में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और कई मुद्दों पर बातचीत की।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साउथ अफ्रीका में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के नेताओं ने साथ में वार्ता की। बता दें, ब्रिक्स सम्मेलन इस साल के मध्य अगस्त में केपटाउन में आयोजित होगा।
भारत कूटनीतिक वार्ताओं पर जोर दे रहा है
विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट करते हए कहा कि ब्रिक्स एफएमएम के बाद केपटाउन में रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मिलकर अच्छा लगा। चर्चा में ब्रिक्स, जी-20 और एससीओ देश के नेता शामिल थे। भारत जुलाई में एससीओ और सितंबर में जी-20 शिखर सम्मलेन आयोजित करेगा। पिछले कुछ महीनों से भारत कच्चे तेल के कारण तनाव में है। हालांकि, भारत रूस से कच्चा तेल आयात करता है लेकिन यूक्रेन से युद्ध के बाद से तनावपूर्ण स्थिति बन गई है। बता दें, भारत रूस से रियायती दरों में कच्चा तेल खरीद रहा है, इस वजह से दोनों देशों के बीच आर्थिक व्यापार में अधिक बढ़ोतरी हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने अब तक रूस की निंदा नहीं की है। भारत फिलहाल कूटनीतिक वार्ताओं के माध्यम से समाधान पर जोर दिया है। एक इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी।
जानिए, क्या होता है ब्रिक्स
ब्रिक्स पांच विकासशील देशों का एक समूह है। समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। समूह के देशों की आबादी
वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत है। पांचों देश घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 16 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं।
भारत ने एससीओ अध्यक्षता के लिए रूस के समर्थन की सराहना की
पिछले महीने की शुरुआत में भी जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री ने मुलाकात की थी। इसके बाद बैठक के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने ट्वीट किया कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात के दौरान हमारे द्विपक्षीय, वैश्विक और बहुपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा की गई। भारत ने एससीओ अध्यक्षता के लिए रूस के समर्थन की सराहना की। जी-20 और ब्रिक्स से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की गई। रूस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों विदेश मंत्रियों ने भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की गतिशीलता की प्रशंसा की। इसमें कहा गया है, आगामी संपर्कों के कार्यक्रम के साथ-साथ वैश्विक और क्षेत्रीय एजेंडे के सामयिक मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य मुद्दों पर विश्वास आधारित विचारों का आदान-प्रदान हुआ।