वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-युवक की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के नौ साल पुराने मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास और 13 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विनोद कुमार सिंह व अधिवक्ता अरविंद सिंह ने बताया कि कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम खालेपुरवा भगहर बुलंद निवासी सरजू प्रसाद ने कोतवाली में सूचना देकर कहा कि उनका बेटा अमित कुमार 16 जून 2014 को शाम पांच बजे घर से कहीं चला गया है।
पुलिस और परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की तो पता चला कि 17 जून 2014 को बाराबंकी जनपद के थाना रामनगर क्षेत्र के मड़ना से मरकामऊ मार्ग पर जग्गूपुरवा के सामने निर्माणाधीन पुलिया के पास गड्ढे से एक व्यक्ति का पूर्ण रूप से जला शव मिला है। रामनगर पुलिस ने केस दर्ज किया। जांच के दौरान अमित के परिजनों ने शव की पहचान की।
बाराबंकी पुलिस ने मामले को गोंडा की पुलिस को सौंप दिया। कोतवाली देहात पुलिस ने विवेचना के दौरान पैसे के लेनदेन के विवाद में अमित कुमार की हत्या कर साक्ष्य मिटाने का पुख्ता साक्ष्य मिलने पर कोतवाली देहात के ग्राम दसियापुर निवासी सोनू उर्फ दीपक पांडेय, सुरेंद्र पांडेय, नरायनपुर निवासी सुनील कुमार तिवारी, रामनगर तरहर निवासी सर्वेश दूबे व कप्तान मिश्रा के खिलाफ न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल किया। आरोपी कप्तान मिश्रा न तो पुलिस की पकड़ में आया और न ही अदालत में हाजिर हुआ।
ट्रायल के दौरान कोर्ट ने आरोपी सोनू, सुरेंद्र, सुनील व सर्वेश के विरुद्ध हत्या और साक्ष्य मिटाने के अपराध का पुख्ता सबूत मिलने पर दोषसिद्ध किया। मंगलवार को इस मामले में निर्णय सुनाते हुए एडीजे-7 कंचन ने चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास और 13-13 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।