वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-अंबेडकरनगर। लखनऊ, वाराणसी, कानपुर व दिल्ली समेत बिहार जाने वाले सैकड़ों यात्री शुक्रवार को अकबरपुर स्टेशन पर भटकते दिखे। इनमें किछौछा दरगाह से आए वे जायरीन भी शामिल रहे जिन्हें ट्रेनों का रूट डायवर्ट होने की जानकारी नहीं थी। सुबह से लेकर शाम तक कोई ट्रेन न होने से तमाम यात्री लौट गए जबकि कई लोग देर रात आने वाली ट्रेन के इंतजार में स्टेशन पर डटे रहने को विवश रहे।
रेल ट्रैक के दोहरीकरण के चलते अकबरपुर से होकर गुजरने वाली लगभग दो दर्जन ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। ये ट्रेनें अब अयोध्या से अकबरपुर होकर जौनपुर के बीच नहीं चल रही हैं।
कुछ ट्रेनें लखनऊ से सुल्तानपुर होकर जौनपुर या वाराणसी तो कुछ ट्रेनें वाराणसी से प्रयागराज होते हुए लखनऊ तक पहुंच रही हैं। इससे यात्रियों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। बड़ी संख्या में यात्री ऐसे हैं जिन्हें रूट डायवर्जन की जानकारी ही नहीं है।
ऐसे यात्री शुक्रवार को अकबरपुर स्टेशन पर पहुंचने के बाद परेशान दिखे। कई-कई घंटे तक यहां बैठना पड़ा। बिहार व झारखंड समेत पश्चिम बंगाल से आए कई जायरीन तो यहां छह से सात घंटे तक इंतजार कर देर रात ट्रेन पर सवार हो सके।
लखनऊ, दिल्ली व कानपुर आदि शहरों को जाने वाले यात्री भी भटकते दिखे। यात्रियों को बताया गया कि केवल कैफियात एक्सप्रेस सुबह दिल्ली से आजमगढ़ की तरफ गई। शाम साढ़े पांच बजे साबरमती एक्सप्रेस व सात बजे के करीब कैफियात एक्सप्रेस यात्रियों को मिली। देररात कोलकाता एक्सप्रेस भी यात्रियों का सहारा बन पाई। इन्हीं ट्रेनों का सहारा लेने को मजबूर हुए यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
न्यौरी निवासी अजय कुमार स्टेशन पर परेशान हालत में दिखे। उन्होंने बताया कि दिल्ली जाने के लिए यहां आया था लेकिन ट्रेन ही नहीं है। टिकट पहले से बुक नहीं था। सोचा कि जनरल टिकट लेकर चला जाऊंगा। यहां देर शाम तक कोई ट्रेन ही नहीं है। रेलवे को दिन में केवल पांच या छह घंटे का ब्लाॅक लेना चाहिए। इससे यात्रियों को कम दिक्कत होती।
टांडा निवासी गीता तिवारी ने बताया कि एक जरूरी काम से अचानक वाराणसी जाना है। ट्रेनों का संचालन नियमित रूप से होना समझकर मैं यहां आ गई। अब पता चल रहा है कि कोई ट्रेन ही नहीं है। बस की भी वाराणसी तक बेहतर सुविधा नहीं है। रेल प्रशासन को ऐसे प्रबंध करने चाहिए कि ट्रैक के दोहरीकरण व अन्य काम भी होते रहें तथा यात्रियों को ज्यादा परेशान भी न होना पड़े। रात के समय जब ट्रेन कम रहती हैं तब काम पर ज्यादा जोर देना चाहिए।
प्रतापगढ़ जनपद के निवासी बनवारीलाल राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर आए थे। उन्होंने बताया कि इलाज के सिलसिले में यहां आना हुआ था। दवा लेकर अयोध्या तक जाने के लिए ट्रेन का सहारा लेने अकबरपुर स्टेशन पहुंचा हूं। अयोध्या से मुझे प्रतापगढ़ जाना है। बताया कि तीन घंटे से यहां इंतजार के बाद भी कोई ट्रेन नहीं मिली। बस से यात्रा करने में दिक्कत होती है। मजबूरी में अब बस से ही अयोध्या जाना पड़ेगा।