वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज: रमजान का चांद देखने के लिए बुधवार की शाम वाराणसी के मुस्लिम बहुल इलाकों में खासी चहल पहल रही। लोग छतों पर चांद का दीदार करने को जुटे रहे। हालांकि चांद का दीदार नहीं हो सका। अब पहले रोजे की शुरुआत जुमे से यानी शुक्रवार को होगी।
मुकद्दस रमजान के चांद का दीदार बुधवार को नहीं हुआ। अब पहले रोजे की शुरुआत जुमे से यानी शुक्रवार को होगी। बुधवार को मगरिब की नमाज के बाद हुई चांद कमेटी की बैठक में कहीं से भी चांद होने की तस्दीक नहीं मिली। इसके बाद कमेटी ने चांद न होने का एलान किया। अब मोमिन शुक्रवार को पहला रोजा रखेंगे। गुरुवार से मस्जिदों में तरावीह की नमाज शुरू हो जाएगी।
बुधवार की शाम रमजान का चांद देखने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में खासी चहल पहल रही। लोग छतों पर चांद का दीदार करने को जुटे रहे। हालांकि चांद का दीदार नहीं हो सका। चांद के सिलसिले से बुधवार को नई सड़क स्थित लंगड़ा हाफिज मस्जिद में इज्तेमाई रुय्यते हेलाल कमेटी की बैठक हुई। उलेमाओं को जिले में कहीं से भी चांद दिखाई देने की सूचना नहीं मिली।
आसपास जिलों में भी चांद होने की तस्दीक नहीं हुई। मौलाना अब्दुल्लाह नासिर ने बताया कि कहीं से भी चांद होने की तस्दीक नहीं हुई। इस लिहाज से अब पहला रोजा शुक्रवार को होगा।
बैठक में मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी, मौलाना यूनुस, मौलाना जियाउर्रहमान, मौ. अब्दुल मतीन आदि रहे। उधर शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि गुरुवार से 34 शिया मस्जिदों में तरावीह की नमाज होगी। इस दौरान इफ्तार और दौरे वाली नमाज भी होगी। इस बार रमजान में पांच जुमे की नमाज होगी। पहला रोजा ही शुक्रवार यानी जुमे से शुरू हो रहा है। 24 के बाद 31 मार्च, सात अप्रैल, 14 अप्रैल व 21 अप्रैल को जुमे की नमाज होगी।
सेहरी व इफ्तारी की खरीदारी
रमजान के मद्देनजर लोगों ने बुधवार को सहरी और इफ्तार के सामानों की खरीदारी की। लल्लापुरा, दालमंडी, मदनपुरा, बजरडीहा, बड़ीबाजार, पीलीकोठी, कज्जाकपुरा, कोनिया, अर्दली बाजार आदि इलाकों में रमजान के मद्देनजर अस्थायी दुकानें सज गई हैं।
डिजिटल घड़ी बताएगी सहरी और इफ्तार का समय
रमजान में इबादत के लिए इस बार डिजिटल घड़ी (औकात सलात डिजिटल) खास है। ये घड़ी रोजेदारों को पांच वक्त की नमाज, सहरी और इफ्तार का सही वक्त बताएगी। इसमें उर्दू के साथ हिंदी व अंग्रेजी में भी समय दर्ज है। दालमंडी के दुकानदार मोहम्मद वसीम ने बताया कि पांचों वक्त की नमाज (फज्र, जोहर, अस्र, मगरिब और इशा) से लेकर सहरी व इफ्तारी के समय अलार्म बजता है। रमजान में इस घड़ी से लोगों को काफी सहूलियत होगी। यह बाजार में अलग-अलग आकार में मौजूद है। इसकी कीमत आठ से 90 हजार रुपये के बीच है। इसके अलावा सऊदी का काबा कुरान बॉक्स भी खास है।